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जूलियन असांज प्रत्यर्पण मामला: वृहत्तर मानवाधिकार नतीजे

जूलियन असांज प्रत्यर्पण मामला: वृहत्तर मानवाधिकार नतीजे

ऐलिस जिल एडवर्ड्स ने इस सुनवाई के सन्दर्भ में आगाह किया कि इस मामले के नतीजे वैश्विक पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं.

यातना पर विशेष दूत ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स ने ब्रिटेन के अधिकारियों से अपील की है कि वे जूलियन असांज के सम्भावित प्रत्यर्पण को रोकें क्योंकि ये डर है कि प्रत्यर्पण से, जूलियन असांज के स्वास्थ्य को “अपूरणीय क्षति” हो सकती है.

ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स ने, यूएन न्यूज़ के एंटोन उसपेंस्की के साथ एक साक्षात्कार में, जूलियन असांज के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में अपनी चिन्ताओं का विवरण दिया और कहा, “दुनिया इस मामले को बहुत क़रीब से देख रही है”, जिसमें विश्व स्तर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता यानि मुक्त भाषण के लिए परिणाम के सम्भावित प्रभाव भी शामिल हैं.

जूलियन असांज के प्रत्यर्पण पर लम्बे समय से चल रही क़ानूनी लड़ाई के बाद, अन्तिम अपील पर सुनवाई, 20-21 फरवरी को लन्दन में उच्च न्यायालय के समक्ष होने वाली है.

जूलियन असांज को, कथित युद्धापराधों को उजागर करने वाले सबूतों सहित, राष्ट्रीय रक्षा से सम्बन्धित वर्गीकृत दस्तावेज़ों को ग़ैरक़ानूनी रूप से प्राप्त करने और उन्हें सार्वजनिक करने में उनकी कथित भूमिका के लिए, अमेरिका में 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनके लिए उनके प्रत्यार्पण की मांग की जा रही है.

 जूलियन असांज को 2019 में ब्रिटेन में हिरासत में लिया गया है, जहाँ वह इस समय बेलमार्श जेल में बन्द हैं.

विशेष रैपोर्टेयर विशिष्ट विषयगत मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त मानवाधिकार विशेषज्ञ होते हैं. वे स्वैच्छिक आधार पर काम करते हैं और किसी भी सरकार या संगठन से स्वतंत्र होते हैं. वे अपनी व्यक्तिगत क्षमता से सेवा करते हैं, वे संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और उन्हें इस काम के लिए संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं मिलता है.

इस साक्षात्कार को संक्षिप्तता और स्पष्टता के लिए सम्पादित किया गया है.

यूएन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, यातना पर विशेष रैपोर्टेयर, एलिस जिल एडवर्ड्स.

यूएन न्यूज़: आप जूलियन असांज के, ब्रिटेन से संयुक्त राज्य अमेरिका को सम्भावित प्रत्यर्पण से क्यों चिन्तित हैं? ऐसे निर्णय के विरुद्ध प्रमुख काऩानी और मानवाधिकार तर्क क्या हैं?

ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स: जूलियन असांज का मामला ब्रिटेन में कई वर्षों से चल रही एक लम्बी क़ानूनी गाथा रहा है. संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपोर्टेयर के रूप में मेरी भूमिका यह है कि जब भी मुझे कोई ठोस जानकारी प्राप्त हो तो मैं उसके आधार पर अपने विचार व्यक्त करूँ. मसलन किसी व्यक्ति को किसी ऐसे स्थान पर भेजा जा सकता है, जहाँ उसे यातना या अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार का वास्तविक ख़तरा हो.

ब्रिटेन, अत्याचार के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के साथ-साथ, मानवाधिकार पर योरोपीय कन्वेंशन का भी एक पक्ष देश है. दोनों [सन्धियों] में एक समान अनुच्छेद है – अनुच्छेद 3, जो देशों को, लोगों को उन स्थानों [देशों] पर भेजने से रोकता है जहाँ उन्हें इस प्रकार के बर्ताव का सामना करना पड़ सकता है. जूलियन असांज के मामले में, जो सामग्री मुझे उपलब्ध कराई की गई है और जो अदालत में दर्ज है, उसके आधार पर, ऐसे तीन कारण हैं जिनके आधार पर मैं, ब्रिटेन से इस स्तर पर अनुच्छेद तीन के तहत उसके दायित्वों को पूरा किए जाने के बारे में चिन्तित हूँ.

प्रथम कारण यह है कि जूलियन असांज एक अवसाद विकार से पीड़ित हैं. और यह कारण अच्छी तरह से प्रलेखित है और अदालत ने भी इसे स्वीकार किया है और इस कारण से, उनका प्रत्यर्पण आज तक निलम्बित किया हुआ है. अगर उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया जाता है तो उससे उनकी चिकित्सीय अन्तर्निहित स्थितियाँ, और भी ख़राब होने की बहुत सम्भावना है – और आत्महत्या का वास्तविक जोखिम भी है.

दूसरा कारण यह है कि जूलियन असांज को, संयुक्त राज्य अमेरिका में, मुक़दमे की सुनवाई शुरू होने की प्रतीक्षा और मुक़दमा चलाए जाने के दौरान, रिमांड में रखे जाने की सम्भावना है. यदि उन्हें दोषी ठहराया गया, तो निश्चित रूप से, कारावास से भी दंडित किया जाएगा. संयुक्त राज्य अमेरिका में अलगाव और एकान्त कारावास का उपयोग करने का एक लम्बा इतिहास है, जिसमें बन्दियों को, अन्य लोगों के साथ दैनिक बातचीत के बिना, स्वयं के व्यक्तिगत व सीमित कक्षों में रखा जाता है.

नेलसन मंडेला नियम, क़ैदियों के साथ बर्ताव के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करते हैं. ये नियम इंगित करते हैं कि किसी बन्दी या क़ैदी को, 15 दिनों तक अलगाव या एकान्त कारावास में रखा जाना, यातना के समान है. इसलिए, इस बात की बहुत अधिक सम्भावना है कि किसी भी प्रकार के अलगाव और एकान्त कारावास, विशेष रूप से लम्बे समय तक एकान्त कारावासका, जूलियन असांज के मनोवैज्ञानिक और यहाँ तक कि शारीरिक स्वास्थ्य पर सम्भावित अपूरणीय प्रभाव पड़ेगा.

तीसरा कारण ये है और  जिसके बारे में मेरा मानना है कि यह प्रत्यर्पण सम्भवतः अनुच्छेद 3 की सुरक्षा का उल्लंघन होगा क्योंकि जूलियन असांज को 175 साल की सज़ा का सामना करना पड़ेगा. उन पर कथित युद्ध अपराधों के साक्ष्य सहित गोपनीय प्रकृति के राजनयिक और अन्य सन्देशों को सार्वजनिक करने का आरोप लगाया गया है. हम आसानी से हिसाब लगा सकते हैं: जूलियन असांज 53 वर्ष के हैं. और 175 वर्ष का सम्भावित कारावास दंड, उनकी वर्तमान आयु से तीन गुना अधिक है. और निःसंदेह, 175 वर्ष उस अवधि से भी कहीं अधिक है जितना आजकल लोग जीवन जीते हैं. यानि सामान्य आजीवन कारावास की सज़ा से ढाई गुना अधिक है.

यूएन न्यूज़: जूलियन असांज के मामले में घटनाक्रम पर नज़र रखने वाले एक व्यक्ति के रूप में, क्या आप हमें बता सकती हैं कि क्या उनकी वर्तमान स्थितियाँ, तमाम मानवाधिकार सन्धियों के प्रावधानों के अनुरूप हैं, मतलब उन्हें कारागार में रखने जाने के दौरान, उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है.?

ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स: मैं वास्तव में इसका जवाब नहीं दे सकती. मेरे पूर्ववर्ती रैपोर्टेयर ने ब्रिटेन की बेलमार्श जेल में जूलियन असांज से मुलाक़ात की थी. मैंने ऐसा नहीं किया है, और संयुक्त राष्ट्र के किसी आधिकारिक व्यक्ति की यात्रा को भी कई साल हो गए हैं.

यूएन न्यूज़: ब्रिटेन के अधिकारियों को आपका क्या सन्देश है और क्या उनसे आपको कोई प्रतिक्रिया मिली है? आपकी अपीलों के सम्बन्ध में कोई टिप्पणी?

ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स: ब्रिटेन से मेरी अपील, अदालतों के लिए है – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो अदालतों के माध्यम से चल रही है. लेकिन अन्ततः, यह विदेश मंत्री पर निर्भर है कि वह यह निर्धारित करें कि अदालत द्वारा अनुमति दिए जाने पर भी, प्रत्यार्पण होगा या नहीं. मेरी अपील है कि जूलियन असांज के मामले में कुछ समाधान निकाला जाए. ब्रिटेन के स्तर, यह, जूलियन असांज की अन्तिम अपील है.

यह उनकी अपीलों की श्रृंखला का अन्त है. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस मामले पर बहुत सावधानी से विचार किया जाए क्योंकि जूलियन असांज… उनके स्वास्थ्य और कल्याण पर इसके बहुत गम्भीर परिणाम होंगे. ब्रिटिश अधिकारियों से मेरी ये अपील हैं.

ब्रिटेन की उच्च सुरक्षा वाले बेलमार्श कारागार के एक दृश्य.

यूएन न्यूज़: क्या आपको लगता है कि जूलिय असांज का प्रत्यर्पण दुनिया भर में प्रैस की स्वतंत्रता और पत्रकारिता या अनियमितताओं और अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने वालों (Whistle Blowers) और पत्रकारों के मामलों के लिए एक ख़तरनाक मिसाल क़ायम कर सकता है?

ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स: मेरा मानना है कि देशों को कूटनैतिक रूप से सम्पर्क करने और आपस में गोपनीय पत्राचार करने में समर्थ होना चाहिए. दरअसल, सुरक्षा के उस स्तर पर,हमारी अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा निर्भर करती है. हालाँकि, मानवाधिकारों के लिए आवश्यक है कि हम तब भी पारदर्शी रहें जब कोई अपराध होता है, या युद्ध अपराध होते हैं, जैसा कि जारी किए गए कुछ सन्देशों और सूचनाओं के सम्बन्ध में आरोप लगाया गया है.

हर क़ानून, चाहे वह देशद्रोह क़ानून हो या राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून, में अपनी आवाज़ बुलन्द करने की प्रक्रिया और ऐसे करने वालों के संरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. जैसाकि मैं समझती हूँ, इस स्तर पर, संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसी स्थिति नहीं है. जो क़ानून लागू किया जा रहा है उसे 21वीं सदी के मानवाधिकार मानकों को प्रतिबिम्बित करने के लिए नवीन नहीं बनाया गया है. और यह अन्य लोगों के लिए बहुत समस्याग्रस्त है जो जूलियन असांज जैसी ही स्थिति में हैं, जो अपने देशों की सरकारों द्वारा की जा रही गतिविधियों या उनकी सरकारों द्वारा भविष्य में कथित तौर पर की वाली वाली गतिविधियों की जानकारी को सार्वजनिक करना चाहते हैं. 

वास्तव में, पूरी अन्तरराष्ट्रीय प्रणाली हमारे मन की बात कहने, स्वतंत्र रूप से बोलने और सम्भावित मानवाधिकार उल्लंघनों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने व सरकारों को ज़िम्मेदार ठहराने की हमारी क्षमता के आधार पर काम करती है. और फिर, निःसन्देह, जवाबदेही निर्धारित होनी चाहिए.

इसलिए, दुनिया इस मामले को बहुत क़रीब से देख रही है. मैं देखना चाहूंगी कि संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन कोई समाधान निकालें… जिसके लिए जूलियन असांज को उनकी वर्तमान चिकित्सा परिस्थितियों को देखते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित करने की आवश्यकता नहीं हो.

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