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जल्द ही विदशी स्कीमों में पैसे लगा सकेंगे म्यूचुअल फंड निवेशक, SEBI ने पेश किया प्रस्ताव

जल्द ही विदशी स्कीमों में पैसे लगा सकेंगे म्यूचुअल फंड निवेशक, SEBI ने पेश किया प्रस्ताव

Mutual Fund News: म्यूचुअल फंड निवेशक घरेलू फंडों के जरिए जल्द ही विदेशी स्कीमों में पैसे लगा सकेंगे। इसे लेकर बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने नियमों में बदलाव का एक अहम प्रस्ताव पेश किया है। सेबी ने भारतीय सिक्योरिटीज में पैसे लगाने वाले ओवरसीज फंडों में निवेश करने के लिए भारतीय म्यूचुअल फंडों को मंजूरी देने का सुझाव दिया है। हालांकि इसमें एक शर्त यह भी होगी कि एक्सपोजर ओवरसीज फंड के नेट एसेट्स के 20 फीसदी से कम ही होना चाहिए। इस पहल का उद्देश्य ये है कि भारतीय फंड ऑफ फंड्स (FoFs) अपने स्तर के हिसाब से परफॉरमेंस दिखा सकें।

इस कारण SEBI ने पेश किया प्रस्ताव

सेबी के कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक भारत की आर्थिक ग्रोथ की मजबूत संभावनाओं को देखते हुए विदेशी फंडों के लिए भारतीय सिक्योरिटीज में निवेश का आकर्षक मौका बना है। इसके चलते कई विदेशी ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स), म्यूचुअल फंड्स और यूनिट ट्रस्ट्स अपने एसेट्स में भारतीय सिक्योरिटीज का हिस्सा बढ़ा रही है। उदाहरण के लिए 30 अप्रैल 20224 तक के डेटा के मुताबिक MSCI एमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स ने भारतीय सिक्योरिटीज में 18 फीसदी से थोड़ा अधिक एलोकेट किया है। इसी प्रकार 31 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के हिसाब से जेपी मॉर्गन के एमर्जिंग मार्केट्स अपॉर्च्यूनिटीज फंड ने 15 फीसदी भारत में निवेश किया हुआ है। वहीं दूसरी तरफ भारतीय म्यूचुअल फंड्स ऐस विदेशी फंडों में निवेश करना चाहें, तो इसे लेकर स्पष्ट नियम नहीं हैं तो सेबी ने इसी को लेकर प्रस्ताव पेश किया है।

निवेशकों के हित सुरक्षित रखने के लिए प्रस्ताव में हैं ये बातें

सेबी के प्रस्ताव के मुताबिक भारतीय म्यूचुअल फंड्स भारतीय सिक्योरिटीज में 20 फीसदी तक निवेश वाले विदेशी म्यूचुअल फंड्स /यूनिट ट्रस्ट्स में पैसे लगा सकेंगे। सेबी के प्रस्ताव के मुताबिक निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहे, इसके लिए ओवरसीज म्यूचुअल फंड्स/यूनिट ट्रस्ट्स का निवेश एक ही इनवेस्टमेंट वीईकल में लगाया जाएगा, इन्हें स्वतंत्र निवेश मैनेजर्स मैनेज करेंगे और पारदर्शिता के लिए इन फंडों को समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो का खुलासा करना होगा। इसके अलावा सेबी ने हितों के टकराव को रोकने के लिए भारतीय म्यूचुअल फंडों और अंडरलाइंग ओवरसीज म्यूचुअल फंडों के बीच एक एडवायजरी एग्रीमेंट्स नहीं होगा। सेबी ने इस प्रस्ताव पर 7 जून 2024 तक लोगों की प्रतिक्रियाएं मंगाया है।

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