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चंद्रमा से पृथ्वी की कक्षा में लौटा चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल, इसरो ने बताया ‘घर वापसी’ । isro says on another unique experiment propulsion module is brought from Lunar orbit to Earth orbit

चंद्रमा से पृथ्वी की कक्षा में लौटा चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल, इसरो ने बताया ‘घर वापसी’ । isro says on another unique experiment propulsion module is brought from Lunar orbit to Earth orbit

चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल।- India TV Hindi

Image Source : ISRO
चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल।

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर लिया है। इसरो ने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। इसरो ने बताया कि एक अन्य प्रयोग में चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया है, जो कि एक और उपलब्धि है। वहीं इसरो का कहना है कि इससे चांद से वापस पृथ्वी लौटने की प्रक्रिया आसान होगी और हम आगे इस तरह के मिशन के लिए काम कर रहे हैं। इसरो आगामी अभियानों के लिए काम कर रहा है, जिसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किए जा रहे हैं। चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद पृथ्वी की कक्षा में लौट गया है। यह भारत की न केवल नए मिशन को लॉन्च करने की बल्कि उन्हें वापस लाने की क्षमता के मामले में भी बड़ी छलांग है।

23 अगस्त को चंद्रमा पर हुई ऐतिहासिक लैंडिंग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने विक्रम लैंडर को लेकर कहा कि चंद्रयान -3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा की कक्षा में परिक्रमा के बाद अब वापस पृथ्वी की कक्षा में ले जाया गया है। चंद्रयान-3 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास सॉफ्ट लैंडिंग करना था। इसके साथ ही इस मिशन में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर उपकरणों का उपयोग करके प्रयोग करना था। बता दें कि यह अंतरिक्ष मिशन 14 जुलाई 2023 को SDSC, SHAR से LVM3-M4 वाहन पर लॉन्च किया गया था। 23 अगस्त को विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर अपनी ऐतिहासिक लैंडिंग की और इसके बाद प्रज्ञान रोवर को तैनात किया गया।

आगामी मिशन पर किया जा रहा काम

इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर में वैज्ञानिक उपकरणों को निर्धारित मिशन के अनुसार 1 चंद्र दिवस तक लगातार संचालित किया गया था। चंद्रयान -3 मिशन के उद्देश्य पूरी तरह से पूरे हो गए हैं। वर्तमान में प्रोपल्शन मॉड्यूल पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है और 22 नवंबर को 1.54 लाख किलोमीटर की ऊंचाई को पार कर गया। इसरो ने बताया कि कक्षा की अवधि लगभग 13 दिन है। इसरो ने बताया कि प्रोपल्शन मॉड्यूल को चांद की कक्षा से वापस पृथ्वी तक लाने का प्रयोग आगामी मिशन की योजनाओं के लिए फायदेमंद होगा। इसके बाद मिशन में चांद से पृथ्वी तक वापस आना भी शामिल होगा। फिलहाल इस मॉड्यूल के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। यह अभी शुरुआती स्टेज में है। 

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