Ram Mandir Inauguration: बिहार (Bihar) के शिक्षा मंत्री (Education Minister) चन्द्रशेखर (Chandra Shekhar) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Mandir) पर अपनी नई टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है। रविवार को, शेखर ने राम मंदिर पर एक हालिया विवादास्पद पोस्टर का बचाव किया, जिसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक फतेह बहादुर सिंह ने लगाया था।
मीडिया के साथ बातचीत में, शेखर ने मंदिर से ज्यादा स्कूल के महत्व पर जोर डाला और छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में राम मंदिर को साफ तौर से तुच्छ बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम हर जगह विराजमान हैं और उन्हें किसी मंदिर में ढूंढने की जरूरत नहीं है।
#WATCH | Bihar Education Minister Chandra Shekhar says, “If you get injured, where will you go? Temple or hospital? If you want education and want to become an officer, MLA, or MP, will you go to a temple or school? Fateh Bahadur Singh (RJD MLA) said the same thing that had been… pic.twitter.com/4Vz3xFDaZc
— ANI (@ANI) January 8, 2024
न्यूज एजेंसी ANI ने शिक्षा मंत्री के हवाले से कहा, “अगर आप घायल हो जाएंगे, तो आप कहां जाएंगे? मंदिर या अस्पताल? अगर आप शिक्षा चाहते हैं और एक अधिकारी, विधायक या सांसद बनना चाहते हैं, तो क्या आप मंदिर या स्कूल जाएंगे?”
उन्होंने आगे कहा, “फतेह बहादुर सिंह (RJD विधायक) ने वही बात कही, जो सावित्रीबाई फुले ने कही थी। यहां गलत क्या है? उन्होंने सावित्रीबाई फुले को कोट किया। क्या शिक्षा जरूरी नहीं है?…हमें छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्ट्रवाद से सावधान रहना चाहिए।”
मंत्री ने कहा, “…जब भगवान राम हम सब में और हर जगह निवास करते हैं, तो आप उन्हें खोजने कहां जाएंगे? जो स्थल आवंटित किए गए हैं, उन्हें शोषण की जगह बना दिया गया है, जिसका इस्तेमाल समाज में कुछ षड्यंत्रकारियों की जेबें भरने के लिए किया जाता है।”
दरअसल हाल ही में RJD विधायक फतेह बहादुर सिंह ने विवादित पोस्टर लगाते हुए लिखा था, “मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का रास्ता, जबकि स्कूल का मतलब रोशनी की ओर का रास्ता।”
इस पोस्टर ने बड़े पैमाने पर विवाद पैदा कर दिया था और BJP ने इसकी निंदा करते हुए कहा था कि इसका मकसद “भड़काऊ टिप्पणियों के साथ हिंदू भावनाओं को आहत करना था।”
पोस्टर में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी जैसे वरिष्ठ RJD नेताओं की तस्वीरें भी थीं। इसमें लोगों को भारत की पहली महिला टीचर सावित्री भाई फुले की जयंती समारोह में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
पोस्ट में लिखा गया, “जब मंदिर में घंटी बजती है, तो यह हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं; जबकि स्कूल में घंटी तार्किक सोच, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रकाश की तरफ बढ़ने की ओर इशारा करती है। यह आपको तय करना है कि आप किस ओर जाना चाहते हैं।”