सेबी सिक्योरिटीज के रियल-टाइम प्राइसेज का दुरुपयोग रोकने जा रहा है। ऑनलाइन गेमिंग ऐप सहित कुछ वर्चुअल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शेयर सहित सिक्योरिटीज के रियल टाइम प्राइसेज का इस्तेमाल अपने फायदों के लिए कर रहे हैं। अब मार्केट रेगुलेटर ने रियल टाइम प्राइस डेटा की शेयरिंग के लिए नियम जारी किए हैं। पिछले कुछ सालों में स्टॉक ट्रेडिंग में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। वर्चुअल ट्रेडिंग सर्विसेज देने वाले थर्ड पार्टी ऐप और फैंटेसी गेम्स ऐप इसका फायदा उठाने के लिए शेयरों के रियल टाइम प्राइसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए सेबी ने 24 मई को एक सर्कुलर जारी किया है।
SEBI ने सर्कुलर में क्या कहा है
SEBI के सर्कुलर में कहा गया है कि स्टॉक एक्सचेंजेज (Stock Exchanges), क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस (Clearing Corporations), डिपॉजिटरीज (depositaries) और रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज (जैसे स्टॉक ब्रोकर्स) को इस बात का ध्यान रखना होगा कि स्टॉक्स के रियल टाइम प्राइसेज किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किए जाए। सिर्फ सिक्योरिटीज मार्केट के ठीक तरह से फंक्शनिंग के लिए रियल टाइम प्राइस डेटा का इस्तेमाल किया जा सकता है। सेबी के ये प्रावधान 22 जून से लागू हो जाएंगे।
डेटा शेयरिंग के लिए शर्तें
इस नियम के मुताबिक, अगर मार्केट इंटरमीडियरीज किसी थर्ड पाटी से रियल टाइम प्राइस को शेयर कर रहे हैं तो इसके लिए एक एग्रीमेंट जरूरी होगा। इसमें उन्हें बताना होगा कि किस मकसद के लिए इस डेटा का इस्तेमाल होगा। एग्रीमेंट में इस बात का भी उल्लेख होगा कि सिक्योरिटीज मार्केट के सही तरह से काम करने के लिए डेटा का इस्तेमाल क्यों जरूरी है।
एजुकेशन प्रोग्राम के लिए शेयरिंग की इजाजत
सेबी के सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि रियल टाइम प्राइस डेटा का इस्तेमाल इनवेस्टर अवेयरनेस और एजुकेशन प्रोग्राम के लिए किया जा सकता है। लेकिन, इससे पार्टिसिपेंट्स के साथ किसी तरह का मॉनेटरी बेनेफिट नहीं जुड़ा होना चाहिए और एक दिन पहले के डेटा शेयरिंग की इजाजत होगी। मार्केट रेगुलेटर ने मार्केट इंटरमीडियरीज को यह भी कहा है कि उन्हें उन एंटिटी की तरफ से डेटा के दुरूपयोग को रोकने के लिए भी कदम उठाने होंगे, जिनके साथ उन्होंने डेटा शेयरिंग के एग्रीमेंट किए हैं। इसके लिए उन्हें सिस्टम बनाना होगा।