फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने शुक्रवार को कहा है कि ग़ाज़ा पट्टी को फिर से एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए, वर्षों का समय लगेगा.
ग़ाज़ा में इसराइल की हर रोज़ भीषण बमबारी से, 20 लाख से भी अधिक ग़ाज़ावासियों का जीवन तबाह हो गया है. ग़ौरतलब है कि मौजूदा युद्ध 7 अक्टूबर को, इसराइल में हमास के हमलों से भड़का था, जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था.
उसके बाद से ग़ाज़ा में इसराइल के हमलों में 31 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं और 70 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.
UNRWA, ग़ाज़ा में सबसे बड़ी राहत एजेंसी के रूप में, दक्षिणी इलाक़े में विस्थापित लगभग 15 लाख लोगों को, जीवन रक्षक सहायता व सामग्री उपलब्ध करा रही है. ये एजेंसी लगभग 10 लाख लोगों के लिए आश्रय स्थल चलाती है, जहाँ लोगों को मानवीय राहत और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ भी मुहैया कराई जाती हैं.
हिंसा में कोई कमी नहीं
इसराइल की लगातार जारी हवाई बमबारी और ज़मीनी हमलों और इसराइली सेनाओं व फ़लस्तीनी सशस्त्र बलों के बीच युद्ध के बीच भी, जीवनरक्षक सहायता मुहैया कराने का काम जारी रखा गया है.
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने ग़ाज़ा आपदा के बारे में नवीनतम जानकारी में, लगभग पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में युद्धक हिंसा जारी रहने की ख़बर दी है.
एजेंसी ने कहा है कि युद्ध में आम लोगों की मौतें होना जारी है, साथ ही लोग विस्थापित हो रहे हैं और लोगों के घर व अन्य बुनियादी ढाँचा भी तबाह हो रहा है.
UNRWA को वित्तीय सहायता बहाल
इस बीच, ऑस्टेलिया ने, UNRWA के लिए वित्तीय सहायता बहाल करने के इरादे की घोषणा की है. ग़ौरतलब है कि जनवरी में इसराइल के इन आरोपों के बाद कुछ देशों ने, इस एजेंसी के लिए वित्तीय सहायता स्थगित करने की घोषणा कर दी थी एजेंसी के लगभग 7-8 कर्मचारी, 7 अक्टूबर को हमास के हमलों में शामिल थे.
संयुक्त राष्ट्र की एक उच्चस्तरीय संस्था, इन आरोपों की जाँच कर रही है और UNRWA ने भी अपने स्तर पर इस मामले की जाँच शुरू कर दी थी. साथ ही, एजेंसी ने, ये आरोप सामने आने के बाद, सम्बन्धित कर्मचारियों को बर्ख़ास्त कर दिया था.
समुद्री रास्ते से सहायता वितरण
उधर, ग़ाज़ा के लिए सहायता सामग्री लेकर, कुछ दिन पहले साइप्रस से रवाना हुआ जहाज़ – ओपन आर्म्स, शुक्रवार को ग़ाज़ा तट के निकट पहुँच गया है.
इस जहाज़ में लगभग 200 टन सहायता सामग्री भरी हुई है.