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ग़ाज़ा: हिंसक टकराव और क़ानून व्यवस्था ढहने से, खाद्य सहायता प्रयासों में मुश्किलें

उन्होंने शुक्रवार को बताया कि ग़ाज़ा सिटी से जबालिया की ओर जाते हुए, वहाँ हुई तबाही को देखना अविश्वसनीय है. ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में कोई भी इमारत बिना क्षतिग्रस्त हुए नहीं बची है और आकाश में ड्रोन विमान और निरन्तर बमबारी की आवाज़ हर समय सुनी जा सकती है.

“वहाँ लोग सदमें में और बुरी तरह हताश हैं. हाल ही में अपने पति को खो देने वाली एक महिला ने मुझे बताया कि युद्ध 250 दिनों से जारी है, मगर उनके लिए यह 250 वर्ष जैसा महसूस होता है.” 

ग़ाज़ा में पसरी अराजकता और असुरक्षा के कारण केरेम शेलॉम सीमा चौकी के ज़रिये मानवीय सहायता पहुँचाने में अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है. दक्षिणी और मध्य ग़ाज़ा में लड़ाई हो रही है और इन हालात में WFP स्टाफ़ के लिए बढ़ती मानवीय ज़रूरतों को पूरा कर पाना कठिन है.

कार्ल स्काउ ने बताया कि WFP कर्मचारी हर दिन सीमा चौकी पर पाँच से आठ घंटे गुज़ारते हैं. हमारे परिसर में मिसाइल आकर गिरी हैं. क़ानून व्यवस्था के यूँ दरकने का अर्थ है कि हमें भी लूटपाट और हिंसा से जूझना पड़ रहा है.

भूख संकट 

यूएन एजेंसी ने आशंका जताई है कि दक्षिणी ग़ाज़ा में वैसे ही विनाशकारी खाद्य असुरक्षा हालात पनप सकते हैं, जैसाकि पहले उत्तरी ग़ाज़ा में देखा गया था. 

यूएन एजेंसी के कार्यकारी उप निदेशक ने सचेत किया कि परिस्थितियाँ बद से बदतर होती जा रही हैं. “10 लाख लोगों को रफ़ाह से बाहर धकेला गया है और वे जला देने वाली गर्मी में समुद्री तट के पास बेहद भीड़भाड़ वाले इलाक़े में फँसे हुए हैं.”

WFP ने बताया कि उत्तरी ग़ाज़ा के लिए मानवीय सहायता में बेहतरी आई है और साझेदार संगठन ऐरेत्ज़ सीमा चौकी के ज़रिये ज़रूरमतन्द आबादी तक मदद पहुँचा रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने सचेत किया है कि सहायता को निरन्तर जारी रखना होगा और उसका स्तर बढ़ाया जाना होगा. स्वच्छ जल, स्वास्थ्य देखभाल, बेकरी के लिए ईंधन और चिकत्सा आपूर्ति की सख़्त आवश्यकता है.

कार्ल स्काउ के अनुसार, सबसे अहम यह है कि लोग इस युद्ध का अन्त होते हुए देखना चाहते हैं और हमारी भी यही इच्छा है.

स्थानीय बाज़ारों के लिए समर्थन

WFP के कार्यकारी उप निदेशक ने कहा कि बाज़ारों में कामकाज को समर्थन दिया जाना अहम है और लोगों के पास नक़दी भी होनी चाहिए ताकि वे अपने जीवन फिर बहाल कर सकें. 

“आपात सहायता बेहद अहम है, लेकिन हमें कुछ उम्मीदों का भी संचार करना होगा, बेकरी और बाज़ारों को समर्थन देकर, और जीवित रहने के लिए खाद्य ज़रूरतों को पूरा करने से परे जाकर, स्वच्छता व बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल ज़रूरतों को समर्थन प्रदान करके.” 

उनके अनुसार, इसके ज़रिये ही गरिमामय ढंग से आम फ़लस्तीनी तक सहायता पहुँचाई जा सकती है. कार्ल स्काउ ने ध्यान दिलाया कि पिछले वर्ष नवम्बर महीने की यात्रा के दौरान, उन्होंने देखा कि लोग ग़ुस्से में थे, अब वे बुरी तरह थक चुके हैं और इस युद्ध को ख़त्म होते देखना चाहते हैं. 

WFP के वरिष्ठ अधिकारी ने क्षेत्र में कुल तीन दिन बिताए. उन्होंने ग़ाज़ा के अलावा पश्चिमी तट और येरूशेलम का भी दौरा किया और कर्मचारीयों, साझेदार संगठनों व फ़लस्तीनियों के साथ मुलाक़ात की.

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