विश्व

ग़ाज़ा: सुरक्षित, निर्बाध मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए प्रस्ताव पर, सुरक्षा परिषद में चर्चा

ग़ाज़ा: सुरक्षित, निर्बाध मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए प्रस्ताव पर, सुरक्षा परिषद में चर्चा

प्रस्ताव के पिछले मसौदे को अमेरिका ने 8 दिसम्बर को वीटो कर दिया था, जिसके चार दिन बाद यूएन महासभा में सदस्य देशों ने भारी बहुमत से मानवीय आधार पर ग़ाज़ा में तत्काल संघर्षविराम लागू किए जाने के पक्ष में मतदान किया, मगर यह प्रस्ताव क़ानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं था.

यूएन महासभा में आपात विशेष सत्र फिर शुरू होने के बाद बुधवार को स्थगित कर दिया गया, जिसमें अनेक देशों ने संकट पर अपने वक्तव्य पेश किए. 

वहीं, सुरक्षा परिषद में पूरे सप्ताह मसौदे की ऐसी भाषा पर सहमति बनाने के प्रयास जारी रहे, ताकि अमेरिका द्वारा उसके विरोध में फिर से वीटो अधिकार का इस्तेमाल ना किया जा सके. 

प्रस्ताव के पहले मसौदे में टकराव का अन्त लगाने की बात कही गई थी, जिसे अब बदल कर लड़ाई पर अस्थाई विराम कर दिया गया है, ताकि ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक मदद पहुँचाई जा सके.

अमेरिका ने मंगलवार और उससे पहले के सत्रों में कहा कि किसी भी प्रस्ताव में हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमलों की निन्दा की जानी होगी. इन हमलों के बाद से फ़लस्तीनी-इसराइल टकराव में अभूतपूर्व तेज़ी आई है.  

हमास के हमलों में दक्षिणी इसराइल में लगभग एक हज़ार 200 लोग मारे गए थे, और 200 से अधिक लोगों को चरमपंथियों द्वारा बंधक बना लिया गया था, जिनमें से बड़ी संख्या में अब भी ग़ाज़ा में हैं. 

उधर, इसराइली कार्रवाई को आलोचना की नज़र से देखने वाले देशों का कहना है कि हमास की निन्दा करने वाले किसी भी प्रस्ताव में, इसराइली क़ब्ज़े और 7 अक्टूबर के बाद से अब तक इसराइली सैन्य कार्रवाई में हज़ारों आम लोगों की मौतों की भी निन्दा की जानी होगी.  

ग़ाज़ा सिटी का असक़ोला इलाक़ा भीषण बमबारी का शिकार हुआ है.

समाचार माध्यमों के अनुसार, यूएन द्वारा निगरानी तंत्र स्थापित किए जाने के सुझाव पर भी मतभेद हैं, जिसका दायित्व इसराइल या ग़ाज़ा में हमास प्रशासन से इतर, कारगर ढंग से मानवीय सहायता पहुँचाना बताया गया है.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टबूर के बाद से अब तक 19 हज़ार 667 लोग मारे गए हैं, जिनमें से क़रीब 70 फ़ीसदी महिलाएँ व बच्चे हैं. 52 हज़ार से अधिक लोगों के घायल होने का अनुमान है, और बड़ी संख्या में लोग लापता है, जिनके मलबे में दबे होने की आशंका है. 

इस अपडेट के अनुसार, 19-20 दिसम्बर के दौरान ग़ाज़ा में दो इसराइली सैनिक भी मारे गए हैं. ग़ाज़ा में ज़मीनी अभियान की शुरुआत के बाद से अब तक 134 इसराइली सैनिक मारे जा चुके हैं और 740 घायल हुए हैं. 

इससे पहले, मंगलवार को सुरक्षा परिषद की मध्य पूर्व में संकट के मुद्दे पर चर्चा हुई थी, जिसमें यूएन के विशेष दूत टॉर वैनेसलैंड ने आगाह किया था कि ग़ाज़ा में मानवीय सहायता प्रणाली ध्वस्त होने के कगार पर पहुँच गई है. 

साथ ही, उन्होंने पश्चिमी तट में फ़लस्तीनियों के लिए बद से बदतर हो रही स्थिति पर चिन्ता व्यक्त की थी. 

विशेष दूत वैनेसलैंड ने कहा था कि सुरक्षा बलों को अधिकतम संयम बरतना होगा और घातक बल का इस्तेमाल तभी किया जाना होगा, जब ऐसा करना, जीवन की रक्षा के लिए ज़रूरी हो.

Source link

Most Popular

To Top