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ग़ाज़ा सिटी में लड़ाई में आई तेज़ी, हज़ारों लोग नए सिरे से विस्थापित

ग़ाज़ा सिटी के शुजैया ज़िले से यह पलायन पिछले कुछ दिनों में इसराइली सैन्य बलों की निरन्तर गहन बमबारी की पृष्ठभूमि में हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर-दक्षिण ग़ाज़ा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क, सलाह अल दीन रोड के नज़दीक इसराइली टैंक देखे गए हैं.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के अनुसार इस इलाक़े में लोग अकाल की आशंका से जूझ रहे हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया है कि उन्हें पेड़ों की पत्तियाँ खा करके या केवल आटे से गुज़ारा चलाना पड़ रहा है.

यूएन एजेंसी की वरिष्ठ संचार अधिकारी लुइस वॉटरिज ने यूएन न्यूज़ के साथ एक लिखित बातचीत में बताया कि युद्ध प्रभावित इलाक़ों में क़रीब सात वर्ग किलोमीटर के इलाक़े में हुआ विध्वंस, सर्वनाश नज़र आता है.

“अधिकाँश लोगों के घर ख़त्म हो गए हैं, पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से, उन्हें बहुत कम सामान के साथ भागना पड़ा, जो कुछ भी वे अपने हाथों में लेकर जा सकते थे. अनेक लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को भी खो दिया है.”

“गर्भवती महिलाएँ और विकलांगजन सर्वाधिक नाज़ुक हालात का सामना करने वालों में हैं, चूँकि जबरन विस्थापन के दौरान उनके लिए आसानी से कहीं जा पाना सम्भव नहीं है. साथ ही, हज़ारों अकेले और अपने परिवार से बिछुड़ गए बच्चों के लिए भी बड़ी चिन्ता है.”

हिंसा के कारण यूएन एजेंसी के लिए ग़ाज़ा सिटी में स्थित तुफ़ाह इलाक़े में अपने वितरण केन्द्र तक पहुँचना सम्भव नहीं है, चूँकि यह लड़ाई के अग्रिम मोर्चे के बेहद नज़दीक है.

अब तक, क़रीब 84 हज़ार लोग विस्थापित हैं, जिनमें से साढ़े दस हज़ार लोगों ने UNRWA द्वारा संचालित स्कूलों में समेत 27 स्थानों पर शरण ली है.

यहाँ पर कुछ स्वास्थ्य सेवाएँ भी उपलब्ध हैं, मगर बढ़ती मांग के कारण उन पर भीषण दबाव है. अन्य लोग सरकारी स्कूलों, इमारतों व अन्य खुले स्थानों पर रह रहे हैं.

जबरन विस्थापित, फिर से

अक्टूबर 2023 में हमास के नेतृत्व में दक्षिणी इसराइल पर आतंकी हमलों और लोगों को बन्धक बनाए जाने के बाद, पिछले 9 महीनों से ग़ाज़ा पट्टी में इसराइली सैन्य बलों की कार्रवाई जारी है, जिससे वहाँ गहरा मानवीय संकट उपजा है.

इसके मद्देनज़र, यूएन मानवीय सहायता एजेंसियाँ ज़रूरतमन्दों तक राह पहुँचाने के लिए प्रयासरत हैं और फ़लस्तीनी आबादी के लिए भोजन, जल, आटे, आश्रय समेत अन्य आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था की गई है, मगर सहायता मार्ग में अवरोध बरक़रार है. 

लुइस वॉटरिज ने बताया कि सोमवार को ग़द्दे, तिरपाल और बच्चों के लिए ज़रूरी सामान वितरित किए जाने की योजना है. रविवार को यूएन एजेंसी की ज़रूरतों के लिए कुछ ईंधन की भी आपूर्ति की गई थी, साथ ही सीमित मात्रा में डीज़र, अस्पताल में जनरेटर व जल शोधन संयंत्रों के लिए भेजा गया है.

सहायता सेवाओं में अवरोध

यूएन सहायताकर्मियों ने सचेत किया है कि विशाल आवश्यकताओं के मद्देनज़र, ईंधन की और व्यवस्था की जानी होगी.

मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के नवीनतम अपडेट के अनुसार, सहायता मार्ग में पाबन्दियों, असुरक्षा और टकराव जारी रहने की वजह से, ग़ाज़ा के कई इलाक़ों में अति-आवश्यक मानवीय सहायता वितरित करने के मार्ग में कठिनाई पेश आ रही है.

इनमें भोजन व पोषण सहायता, चिकित्सा देखभाल, आश्रय समर्थन, जल व स्वच्छता सेवाओं समेत लाखों लोगों के लिए अन्य महत्वपूर्ण सेवाएँ हैं.

यूएन एजेंसी का कहना है कि 100 से अधिक मानवीय सहायता मिशन को वहाँ भेजे जाने की योजना थी, लेकिन इसराइली प्रशासन द्वारा आधे से भी कम मिशन को अनुमति प्रदान की गई है, जबकि अन्य मिशन के रास्ते में या तो अवरोध खड़े हो गए या फिर उन्हें सुरक्षा, व्यवस्था संचालन समेत अन्य वजहों से स्थगित करना पड़ा.

तबाही का दृश्य

UNRWA अधिकारी लुइस वॉटरिज ने कहा कि रफ़ाह में कुछ सप्ताह इसराइली सैन्य अभियान शुरू हुआ था, जिसके बाद दक्षिणी ग़ाज़ा में भी अब उत्तरी इलाक़े और ग़ाज़ा सिटी में हुए विनाश जैसे दृश्य हैं.

यूएन एजेंसी, ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में लोगों तक भोजन पहुँचाने, स्वास्थ्य देखभाल का ध्यान रखने, और बच्चों के लिए पढ़ाई-लिखाई सम्बन्धी गतिविधियाँ सुनिश्चित करने में जुटी है, मगर इसराइल द्वारा थोपी गई पाबन्दियों के कारण यह बेहद चुनौतीपूर्ण है.

“ईंधन का अभाव; सहायता आपूर्ति का अभाव; सुरक्षा का अभाव; और चहुँओर हमारे स्टाफ़ के लिए पूरी तरह कठिन हालात, जो इस युद्ध के दौरान शुरू से ही किसी तरह जीवित रहने का संघर्ष कर रहे हैं.”

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