संयुक्त राष्ट्र की मानवीय आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने कहा है कि ये बेदख़ली आदेश जारी किए जाने से, फ़लस्तीनी परिवारों की बड़े पैमाने पर तकलीफ़ें और बढ़ेंगी, जिनमें से बहुत से लोग तो पहले ही कई बार विस्थापित हो चुके हैं.
इसराइली सेना इससे पहले, हाल के दिनों में ही, ग़ाज़ा सिटी के अनेक इलाक़ों में, फ़लस्तीनी आबादी को वहाँ से निकल जाने के बेदख़ली आदेश जारी किए थे.
OCHA ने कहा है, “इन आम लोगों को संरक्षण मुहैया कराया जाना होगा – और उनकी प्राथमिक ज़रूरतें पूरी की जानी होंगी, वो जहाँ भी जाएँ, या ठहरें.”
“हमारा यही मतलब होता है, जब हम ये कहते हैं कि सभी पक्षों को, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का, हर समय पालन करना होगा.”
युद्धविराम बातचीत फिर शुरू
ये सब घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब ग़ाज़ा में एक युद्धविराम लागू करने के उद्देश्य से, बातचीत का नया दौर, क़तर की राजधानी दोहा में बुधवार को शुरू हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने, न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में कहा है, “हम स्वभाविक रूप से इन घटनाक्रमों पर नज़दीकी नज़र रख रहे हैं. महासचिव को भी सूचित रखा जा रहा है.”
प्रवक्ता ने कहा, “सम्बद्ध पक्षों के लिए हमारा सन्देश है कि वो युद्धविराम समझौता करने के लिए, राजनैतिक साहस दिखाएँ – ग़ाज़ा के लोगों की भलाई की ख़ातिर, इसराइल के लोगों की भलाई की ख़ातिर, बन्धकों की भलाई की ख़ातिर, यह समझौता करें.”
सहायता प्रयास प्रभावित
इस बीच संयुक्त राष्ट्र और उसकी साझीदार एजेंसियों ने पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में, विस्थापित समुदायों को समर्थन देने के प्रयास जारी रखे हैं.
OCHA ने हालाँकि ध्यान दिलाया है कि इसराइल द्वारा जारी किए गए बेदख़ली आदेश, मानवीय सहायता समुदाय को भी अपने सहायता अभियान, बार-बार समायोजित करने के लिए विवश कर रहे हैं.
फ़लस्तीनी क्षेत्र में यूएन मानवीय सहायता समन्वयक मुहन्नाद हादी ने बुधवार को एक सोशल मीडिया सन्देश में कहा है, “सहायता कर्मी अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं, मगर वो जो कुछ सहायता आपूर्ति कर पा रहे हैं, वो लोगों की ज़रूरतों से बहुत कम है.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “और अधिक धन की तत्काल ज़रूरत है – उसी तरह, जिस तरह ग़ाज़ा के भीतर एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण की भी सख़्त ज़रूरत है.”
पश्चिमी तट में हमले
OCHA ने बुधवार को बताया है कि उसने फ़लस्तीनी क्षेत्र – पश्चिमी तट में, अक्टूबर (2023) के बाद से, इसराइली बाशिन्दों को, 1000 से अधिक हमले दर्ज किए हैं, जिनके कारण अनेक फ़लस्तीनी घायल हुए हैं और सम्पत्ति, पेड़ों और पौधों को नुक़सान पहुँचा है.
एजेंसी ने बताया है कि इन हमलों के कारण 660 बच्चों सहित, लगभग 1,400 लोग विस्थापित हुए हैं.
OCHA ने बताया है कि पश्चिमी तट में इसराइली बलों ने, 2 से 8 जुलाई के दरम्यान जेनिन और तुलकर्म शहरों व पास के शरणार्थी शिविरों में चलाए गए सैन्य अभियानों में, 14 फ़लस्तीनियों को मार दिया है.