ग़ाज़ा पट्टी में पिछले 100 दिनों से अधिक समय से इसराइली सैन्य बलों और हमास चरमपंथियों के बीच भीषण लड़ाई हो रही है, जिससे स्थानीय आबादी के लिए भोजन, दवा, जल समेत अन्य बुनियादी चीज़ों की विशाल क़िल्लत उपजी है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले महीने ग़ाज़ा में बेरोकटोक ढंग से मानवीय सहायता का स्तर बढ़ाने पर लक्षित एक प्रस्ताव पारित किया था.
इसके बाद, ग़ाज़ा में राहत क़ाफ़िलों की निगरानी व सत्यापन करने के उद्देश्य से सिग्रिड काड को इस पद पर नियुक्त किया गया है.
साथ ही, वह एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने का प्रयास करेंगी, जिसका उद्देश्य उन देशों के ज़रिये ग़ाज़ा तक सहायता पहुँचाना होगा, जोकि हिंसक टकराव में शामिल नहीं हैं.
विशाल ज़रूरतें
यूएन अधिकारी ने बताया कि वह मिस्र का दौरा इसलिए कर रही हैं, ताकि सभी प्रकार की मानवीय सहायता को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सके, जिसकी ग़ाज़ा में आम नागरिकों को सख़्त आवश्यकता है.
फ़िलहाल, उन्हें बेहद विकट मानवीय परिस्थितियों से जूझना पड़ रहा है. उत्तरी ग़ाज़ा में विशेष रूप से स्थिति ख़राब है, जहाँ सहायता सामग्री पहुँचाए जाने की केवल एक-चौथाई योजनाओं को ही इसराइल से अनुमति मिल पाई है.
यूएन की वरिष्ठ अधिकारी सोमवार को मिस्र की राजधानी काहिरा पहुँची, जहाँ उनकी विदेश, सामाजिक एकजुटता व प्रतिरक्षा मंत्रालयों में अधिकारियों के साथ बातचीत हुई.
इसके अलावा, उन्होंने मिस्र की रैड क्रेसेंट सोसाइटी के प्रतिनिधियों से भी मुलाक़ात की.
उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान प्रत्यक्ष रूप से देखा है कि मिस्र किस तरह से स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं, सरकार व अन्य पक्षों के साथ मिलकर ग़ाज़ा में मासूम लोगों को मदद प्रदान कर रहा है.
सिग्रिड काग के अनुसार मिस्र सरकार व रैड क्रेसेंट सोसाइटी को समर्थन देने के रास्तों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग़ाज़ा में ज़रूरतमन्द आबादी की मदद की जा सके.
सहायता प्रयासों के लिए अहम
उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान हुई चर्चा, सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को हालात से अवगत कराने में सहायक होगी.
यूएन अधिकारी के अब रफ़ाह जाने का कार्यक्रम है, जोकि ग़ाज़ा में राहत सामग्री पहुँचाने की दो सीमा चौकियों में से एक है, और अल-अरिश से क़रीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है.
यूएन मानवतावादी कार्यालय के अनुसार, 15 और 16 जनवरी के दौरान, रफ़ाह और केरेम शलोम चौकियों के रास्ते, भोजन, दवाओं व अन्य आपूर्ति से लदे 204 ट्रकों ने ग़ाज़ा पट्टी में प्रवेश किया है.
फ़लस्तीनी रैड क्रेसेंट को 16 जनवरी को रफ़ाह चौकी के ज़रिये मिस्र के रैड क्रेसेंट से 25 ट्रक प्राप्त हुए हैं, जिनमें मानवीय सहायता सामग्री है. 7 अक्टूबर को हिंसक टकराव की शुरुआत से पहले हर दिन ग़ौज़ा में औसतन 500 ट्रक प्रवेश किया करते थे.