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ग़ाज़ा: रफ़ाह में सहायता स्थिति लगातार भीषण, यूएन की चेतावनी

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने पुष्टि की है कि आपूर्ति की कमी और युद्धक गतिविधियाँ जारी रहने के कारण खाद्य वितरण का काम स्थगित कर दिया गया है क्योंकि युद्धक हालात ने सहायता टीमों का काम करना बहुत ख़तरनाक बना दिया है.

UNRWA की प्रवक्ता लुईस वॉटरिज ने बुधवार को यूएन न्यूज़ को बताया कि इसराइल द्वारा 6 मई को लोगों को रफ़ाह इलाक़े से बाहर निकल जाने के आदेश जारी किए जाने के बाद, से वहाँ स्थिति लगातार बदतर हुई है.” 

प्रवक्ता ने कहा, “चूँकि यह हमला रफ़ाह में भी शुरू कर दिया गया है, इसने मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की, हमारी और वृहद मानवीय सामर्थ्य को गम्भीर रूप से सीमित कर दिया है…”

मानवीय सहायता रिक्तता

UNRWA की प्रवक्ता लुईस वॉटरिज ने कहा, “लगातार हमलों के कारण, इस इलाक़े में अब हम खाद्य वितरण केन्द्रों तक नहीं पहुँच सकते हैं, बिल्कुल भी सुरक्षा नहीं है, और इसके अलावा, और हमें सीमा चौकियों के ज़रिए भी प्रवेश नहीं मिल रहा है.”

कुछ इसी तरह की बात, मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए यूएन समन्वयक टोर वैनेसलैंड ने सोमवार को, सुरक्षा परिषद में कही थी.

उन्होंने कहा था, “मैं मौजूदा दुखद स्थिति पर बहुत चिन्तित हूँ, जिसमें और भी बड़े पैमाने के सैन्य अभियान की सम्भावना शामिल है. अगर ऐसा हुआ तो उससे मानवीय सहायता सामग्री पहुँचाने और ज़रूरतमन्द लोगों तक उसे सुरक्षित तरीक़े से पहुँचाने के प्रयासों को धक्का पहुँचेगा.”

टोर वैनेसलैंड ने इस युद्ध के नहीं रुकने की स्थिति में, व्यापक क्षेत्र में फैल जाने का जोखिम है. इस बीच बुधवार को, आयरलैंड, स्पैन और नॉर्व ने फ़लस्तीन देश को मान्यता देने की अपनी मंशा, संयुक्त रूप से व्यक्त की है.

आटरलैंड ने एक वक्तव्य में कहा है कि फ़लस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने वाला प्रस्ताव 28 मई को प्रभाव में आने वाला है, जिसके लिए पूरे योरोप और मध्य पूर्व में समान विचारों वाले अनेक देशों के बीच कई महीने तक कूटनैतिक विचार-विमर्श हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA और ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, ग़ाज़ा युद्ध में अब तक 35 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 79 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. लगभग 17 हज़ार बच्चे या तो बेसहारा हैं या अपने परिवारों से बिछड़ गए हैं.

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