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ग़ाज़ा में सहायता क़िल्लत के बीच, बीमारियों और मानवीय दबाव में उछाल

ग़ाज़ा में सहायता क़िल्लत के बीच, बीमारियों और मानवीय दबाव में उछाल

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए सहायता एजेंसी – UNRWA, अपनी अधिकतम क्षमता के साथ लगातार स्वास्थ्य देखभाल मुहैया करा रही है, मगर आश्रय स्थलों में अत्यधिक भीड़ और सीमित स्वच्छता सेवाओं के कारण, गम्भीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न हो रहे हैं. 

एजेंसी ने सोशल मीडिया सन्देश में कहा है कि जबरन विस्थापन के कारण, ये हालात और भी जटिल हो रहे हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र की मानवीय आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने कहा है कि बहुत से लोगों को पीने का सुरक्षित पानी मयस्सर नहीं है, और लोग खाना पकाने के लिए कूड़े-कचरे को जला रहे हैं.

सहायता अभियान बिखरने के कगार पर

इस तरह की गम्भीर चिन्ताएँ भी व्यक्त की गई हैं कि ग़ाज़ा पट्टी में सहायता अभियान, “बिखर जाने के निकट” पहुँच गए हैं.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम – WFP ने एक बुलेटिन में आगाह किया है कि अगर ग़ाज़ा में, खाद्य सामग्री और मानवीय सहायता का अन्य सामान, “बहुत बड़े पैमाने पर”, पहुँचना शुरू नहीं होता है तो, हताशा और भुखमरी फैलेगी.

ग़ाज़ा में विश्व खाद्य कार्यक्रम की संचार अधिकारी शाज़ा मोग़रबी ने बताया है, “ग़ाज़ा में सहायता सामग्री पहुँचाने के लिए रक्त नलिका समझी जाने वाली – दक्षिणी सीमा चौकियों के सीमित खुले होने का मतलब है कि ग़ाज़ा के किसी भी हिस्से में, ईंधन या मानवीय सहायता की कोई भी मात्रा, मुश्किल से ही दाख़िल हो पा रही है.”

उन्होंने बताया, “ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े में इस समय खाद्य सामग्री का कोई वितरण नहीं हो रहा है. 

ताज़ा भोजन मुहैया कराने वाले कुछ सामुदायिक किचनों को केवल सीमित सामग्री मुहैया कराई जा रही है.”

शाज़ा मोग़रबी ने बताया बताया कि रफ़ाह में तमाम बेकरियाँ बन्द हो गई हैं. 

अलबत्ता, बुधवार को यह एजेंसी, मध्य ग़ाज़ा में छह बेकरियों, ग़ाज़ा सिटी में चार और जबालिया में एक बेकरी को कुछ समर्थन मुहैया करा पाई थी.

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