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‘ग़ाज़ा में सभी पक्ष, सम्भावित युद्धापराधों के लिए ज़िम्मेदार’

‘ग़ाज़ा में सभी पक्ष, सम्भावित युद्धापराधों के लिए ज़िम्मेदार’

वोल्कर टर्क ने, इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र की स्थिति पर मानवाधिकार परिषद को सौंपी जाने वाली नवीनतम रिपोर्ट में, 7 अक्टूबर को इसराइल में हमास के नेतृत्व में हुए जनसंहार की फिर निन्दा की है.

ग़ौरतलब है कि उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे.

वोल्कर टर्क ने सभी इसराइली बन्धकों की तत्काल रिहाई के लिए अपनी पुकार भी दोहराई है.

दुर्दशा पर ध्यान

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने ज़ोर देकर यह भी कहा है कि इसराइल की “विशाल सैन्य प्रतिक्रिया” ने “अभूतपूर्व विनाश और पीड़ा” उत्पन्न की है, जिसके कारण ग़ाज़ावासियों को गम्भीर मानवीय संकट का सामना करना पड़ा है. और अब लोग आसन्न अकाल का सामना कर रहे हैं.

मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया है, “सम्भावित युद्ध अपराधों सहित अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का स्पष्ट उल्लंघन, सभी पक्षों ने किया है.” 

रिपोर्ट में जवाबदेही निर्धारित करने और “गम्भीर दंडमुक्ति” पर क़ाबू पाने के लिए आगे जाँच कराए जाने का भी आहवान किया गया है.

मानवीय व्यवहार की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख की रिपोर्ट में, ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी सशस्त्र समूहों से “मानवीय व्यवहार और सभी बन्धकों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने”, इसराइल पर “अन्धाधुन्ध हथियार” दागना बन्द करने और लड़ाकों को आम लोगों द्वारा प्रयोग की जाने वाली इमारतों से बाहर निकालने का आग्रह किया गया है. 

वोल्कर टर्क की रिपोर्ट में, इसराइल से ग़ाज़ा वासियों की “पूर्ण घेराबन्दी” और “सामूहिक दंड की सभी कार्रवाइयों को तुरन्त बन्द करने” की पुकार लगाई गई है.

साथ ही, “पूरे ग़ाज़ा में विशाल मानवीय ज़रूरतों के अनुरूप, मानवीय और वाणिज्यिक वस्तुओं की तत्काल पहुँच” सुनिश्चित करने का भी आहवान किया गया है.

 वोल्कर टर्क ने, इसराइली सेना से अपील करते हुए, युद्ध के कारण अपने घरों से बेघर हुए सभी फ़लस्तीनियों की वापसी आसान किए जाने की अपील की है. 

साथ ही आवासीय इलाक़ों में, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का पालन करते हुए, “व्यापक क्षेत्रों पर प्रभाव छोड़ने वाले” विस्फोटक हथियारों के उपयोग को बन्द करने का भी आग्रह किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पतालों और अन्य नागरिक बुनियादी ढाँचे के लिए भी सुरक्षा प्रदान की जानी होगी, जो लोगों के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं.

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