विश्व

ग़ाज़ा में भीषण बमबारी के बीच, 8 हज़ार बच्चे कुपोषण की जकड़ में

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने आठ महीने के भीषण युद्ध से उत्पन्न भयंकर स्थिति के एक आकलन में मंगलवार को आगाह किया था कि “ग़ाज़ा की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस समय भूख के अत्यन्त गम्भीर स्तर और अकाल जैसे हालात का सामना कर रहा है.”

WHO के महानिदेशक ने बताया कि अभी तक, 8 हज़ार से अधिक युवजन को अत्यन्त गम्भीर कुपोषण का शिकार पाया गया, जिसके बाद उनका इलाज किया गया है. इनमें 1,600 ऐसे बच्चे थे जो कुपोषण के सर्वाधिक ख़तरनाक रूप से पीड़ित थे.

डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम ने बताया, “खाद्य सामग्री की बढ़ी हुई आपूर्ति की ख़बरों के बावजूद, ऐसे कोई संकेत नहीं है कि जिन लोगों को इस खाद्य सहायता की आवश्यकता है, उन तक यह सामग्री पर्याप्त मात्रा में और अच्छी गुणवत्ता में पहुँच भी रही है.”

दम तोड़ती पोषण राहत 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ का कहना है कि युद्ध से त्रस्त ग़ाज़ा पट्टी में, ख़तरनाक रूप से कुपोषित बच्चों के लिए, जीवन रक्षक इलाज की सुविधा ख़त्म हो रही है, क्योंकि कुपोषण के शिकार युवजन के लिए, ग़ाज़ा में तीन विशेषीकृत पोषण स्थिरता केन्द्रों में से केवल दो केन्द्र ही सेवाएँ दे पा रहे हैं.

यूनीसेफ़ ने मंगलवार को अपनी जानकारी में आगाह किया था कि कुपोषण के शिकार बच्चे, अपने परिवारों की आँखों के सामने दम तोड़ रहे हैं. 

जबकि यूएन आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने ख़बर दी है कि पूरे ग़ाज़ा में बढ़ती युद्धक गतिविधियाँ, स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच को बाधित कर रही हैं.

पश्चिमी तट में हिंसा में कोई कमी नहीं

इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में OCHA ने आगाह किया है कि इसराइली सेनाओं और वहाँ बसे यहूदी बाशिन्दों द्वारा की जा रही हिंसा के कारण, स्थिति लगातार बदतर हो रही है.

यूएन एजेंसी की नवीनतम जानकारी के अनुसार, पश्चिमी तट में इस हिंसा में, 7 अक्टूबर के बाद से, 520 से अधिक फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें लगभग एक चौथाई बच्चे थे. 

OCHA का कहना है, “इनमें से लगभग तीन चौथाई मौतें, इसराइली सेनाओं के अभियानों के दौरान हुई है. इसी अवधि में, इन इलाक़ों में, 5,200 फ़लस्तीनी जन घायल भी हुए हैं.”

एजेंसी ने इन इलाक़ों में 7 अक्टूबर के बाद से, फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ हुए हमलों की संख्या 960 बताई है, और ये घटनाएँ बढ़ रही हैं.

स्वास्थ्य देखभाल पर हमले

WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ने इन्हीं चिन्ताओं को दोहराते हुए आगाह किया है कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, 7 अक्टूबर के बाद से पश्चिमी तट में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर 480 दर्ज किए हैं, जिनमें 16 लोगों की मौत हुई और 95 लोगद घायल हुए हैं.

उन्होंने कहा है, “अलबत्ता, दुनिया का ध्यान ग़ाज़ा पर है, मगर पश्चिमी तट में भी स्वास्थ्य संकट बदतर हो रहा है, जहाँ स्वास्थ्य ढाँचे पर हमले और लोगों के आवागमन पर पाबन्दियों के कारण, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच बाधित हो रही है.”

WHO प्रमुख ने कहा कि क़ाबिज़ पश्चिमी तट में यहूदी बस्तियों का विस्तार बढ़ा है जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक स्थानीय आबादी की पहुँच पर प्रभाव पड़ा है.

ग़ौरतलब है कि फ़लस्तीनी इलाक़ों में इन यहूदी बस्तियों का विस्तार अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत ग़ैरक़ानूनी है. 

उन्होंने कहा कि पश्चिमी तट के अधिकतर इलाक़ों में क्लीनिक, सप्ताह में केवल दो दिन ही काम कर पाते हैं और अस्पताल अपनी केवल 70 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर रहे हैं.

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