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ग़ाज़ा में जीवनरक्षक खाद्य सामग्री हो रही है ख़त्म, सुरक्षा परिषद की बैठक

ग़ाज़ा में जीवनरक्षक खाद्य सामग्री हो रही है ख़त्म, सुरक्षा परिषद की बैठक

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों की अवर महासचिव जॉयस मसूया ने सुरक्षा परिषद में राजदूतों को सम्बोधित करते हुए, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े की स्थिति के बारे में ताज़ा जानकारी दी है, जहाँ युद्ध में तेज़ी आई है.

अस्पतालों में ईंधन समाप्त हो रहा है और अहम चिकित्सा सामग्रियाँ व खाद्य वस्तुओं के भंडार भी ख़त्म हो रहे हैं.

मरीज़ जीवित ही जल गए

जॉयस मसूया ने कहा कि जब उन्होंने एक सप्ताह पहले सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया था, उसके बाद से ग़ाज़ा में लोगों को इसराइली हमलों के कारण बड़े पैमाने पर जान-माल का नुक़सान करने वाली अनेक घटनाओं का सामना करना पड़ा है. इन घटनाओं में लगभग 400 लोग मारे गए हैं और क़रीब 1,500 लोग घायल हुए हैं.

दुनिया ने अल अक़्सा अस्पताल के निकट स्थित आश्रय शिविर में मरीज़ों और विस्थापित लोगों को, इसराइली हमलों में जीवित जलने की तस्वीरें भी देखी हैं, जबकि बहुत से अन्य लोगों को आग से जलने के गम्भीर घाव लगे हैं.

इनके अतिरिक्त नुसीरात में एक आश्रय स्थल में तब्दील किए गए एक स्कूल पर भी इसराइली हमले में 20 से अधिक लोग मारे गए हैं.

विस्थापन, मृत्यु और सदमा

जॉयस मसूया ने कहा, “उत्तरी इलाक़े में इसराइल के सैन्य हमले सघन हो रहे हैं. जबालिया के भीतर और आसपास, भारी युद्ध होने की ख़बरें हैं, जबकि जबालिया की घेराबन्दी की हुई है. इसमें फ़लस्तीन के सशस्त्र गुट, इसराइल की तरफ़ रॉकेट भी दाग रहे हैं.”

ऐसा अनुमान है कि जबालिया इलाक़े से लगभग 55 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि बहुत से अन्य लोग अपने घरों में ही फँसे हुए हैं, और वहाँ पानी व खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता ख़त्म होती जा रही है.

जॉयस मसूया ने बताया कि मंगलवार को जब इसराइली बलों ने, हमले में ध्वस्त हुई एक इमारत के मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए राहतकर्मियों को वहाँ जाने की अनुमति नहीं दी तो, एक ही परिवार के 13 सदस्य मारे गए.

गर्भवती महिलाओं के लिए चिन्ता

इस बीच, उत्तरी ग़ाज़ा गवर्नरेट में स्थित 10 अस्पतालों में से केवल तीन अस्पताल ही काम करने योग्य बचे हैं, और उनमें भी बहुत कम क्षमता के साथ सेवाएँ उपलब्ध हैं. इन अस्पतालों में ईंधन, रक्त, सदमा उपचार और दवाओं की भारी क़िल्लत है.

जॉयस मसूया ने ख़ासतौर से ग़ाज़ा में, एक लाख 55 हज़ार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं की स्थिति की तरफ़ ध्यान खींचा, जहाँ बच्चों को जन्म देना और बहुत थकाने वाला और सदमा पहुँचाने वाला अनुभव है.

सहायता मिशनों में बाधाएँ

UNRWA ने, पोलियो वैक्सीन अभियान के दूसरे चरण में, अहम भूमिका निभाई है.

संयुक्त राष्ट्र की राहत समन्वय एजेंसी – OCHA की अवर महासचिव जॉयस मसूया ने बताया कि पिछले दो सप्ताहों के दौरान, इसराइल ने, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में, पहले से सहमत हुए 54 सहायता मिशनों में से केवल एक मिशन को, अल रशीद सीमा चौकी के ज़रिए अनुमति दी. अन्य चार मिशनों में बाधाएँ भी पहुँचाई गईं मगर अन्ततः वो पूरे हो गए.

उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत सहायता मिशनों को रोक दिया गया और अन्य मिशनों में या तो बाधाएँ पहुँचाई गईं या उन्हें सुरक्षा कारण बताकर रद्द ही कर दिया गया.

पोलियो अभियान जारी है

इस बीच यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – WHO के अनुसार, मानवीय सहायता एजेंसियों ने, ग़ाज़ा में पोलियो वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के अभियान का दूसरा चरण हाल ही में शुरू किया है. इसमें अभी तक लगभग एक लाख 57 हज़ार बच्चों को ख़ुराकें पिलाई गई हैं.

जॉयस मयूसा ने बताया कि इस वैक्सीन अभियान ने एक बार फिर, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA की अति महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर कर दिया है.

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