विश्व

ग़ाज़ा: मिसाइल हमलों में हताहतों की बड़ी संख्या, स्वास्थ्य सेवाओं पर भीषण दबाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपात चिकित्सा दल के समन्वयक श्यॉन केसी के अनुसार, सोमवार को अल-मग़ाजी शरणार्थी शिविर के पास हुई बमबारी के बाद, अल-अक़्सा अस्पताल में आधे घंटे के भीतर 100 से अधिक मरीज़ों को लाया गया. 

उन्होंने यूएन न्यूज़ को बताया कि सभी घायलों को गम्भीर घावों के लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता है, जबकि उसी दौरान लगभग 100 से अधिक मृतकों को भी अस्पताल में लाया गया. 

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने मंगलवार को मध्य ग़ाज़ा में भीषण बमबारी के जारी रहने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है. बताया गया है कि इसराइली सुरक्षा बलों द्वारा 50 से अधिक हमले किए गए हैं.

24 दिसम्बर के बाद से अब तक हमलों में 100 से अधिक फ़लस्तीनियों की मौत हुई है, तीन शरणार्थी शिविर, अल मग़ाज़ी, अल बुरेजी और अल नुसेरात बमबारी की चपेट में आए हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने एक सन्देश में इसराइली कार्रवाई में हुए इस संहार की निन्दा की है. 

7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमास के हमलों में एक हज़ार 200 से अधिक इसराइलियों की मौत हुई थी और 240 लोगों को बंधक बनाया गया था. 

इसके बाद से अब तक इसराइली कार्रवाई में हज़ारों फ़लस्तीनियों की जान जा चुकी है.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने सोमवार को कहा कि ग़ाज़ा में बढ़ते टकराव से अस्पतालों पर असहनीय दबाव के प्रति गहरी चिन्ता है और वहाँ की अधिकाँश स्वास्थ्य प्रणाली घुटने टेक चुकी है.

दरक रही स्वास्थ्य प्रणाली

इससे पहले, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय की साझा टीम ने क्रिसमस पर अल-अक़्सा अस्पताल का दौरा किया, ताकि सप्ताहांत को ग़ाज़ा के केन्द्रीय इलाक़े में मिसाइल हमलों के बाद हालात का जायज़ा लिया जा सके. 

समन्वयक श्यॉन केसी ने बताया कि अल-अक़्सा के पास चिकित्सा आपूर्ति और जनरेटर चलाने के लिए ईंधन है, मगर बिस्तरों की मौजूदा क्षमता से कहीं अधिक संख्या में मरीज़ों को भर्ती किया जा रहा है, और अनेक घायलो के पास उपचार की प्रतीक्षा करने का समय नहीं है.

WHO समन्वयक के अनुसार, ग़ाज़ा पट्टी में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है. राफ़ाह का दौरा कर रहे श्यॉन केसी ने बताया कि उनकी इमारत से 50 मीटर दूर हज़ारों लोगों ने शरण ली हुई है और वे प्लास्टिक शीट से बनाए गए शिविरों में आश्रय लिए हुए हैं.

“पिछली राहत, हमने पूरी राहत लड़ाई होते हुए सुना और दिन में ख़बरें आ रही थीं कि अनेक घायलों को यहाँ दक्षिण में अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.” 

…जारी

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