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ग़ाज़ा: तत्काल, बेरोकटोक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए, सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित

सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों ने शुक्रवार को प्रस्ताव संख्या 2720 (2023) को पारित किया, जिसका मसौदा संयुक्त अरब अमीरात द्वारा तैयार किया गया है.

प्रस्ताव पर वोटिंग के नतीजे इस प्रकार रहे:

पक्ष: 13 मत
विरोध: 0 मत
रूस और अमेरिका ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. 

इससे पहले, गुरूवार रात को सुरक्षा परिषद में बन्द दरवाज़ों के भीतर प्रस्ताव के मसौदे पर चर्चा जारी और उसके बाद शुक्रवार को मतदान किए जाने की बात कही गई थी.

प्रस्ताव के पिछले मसौदे को अमेरिका ने 8 दिसम्बर को वीटो कर दिया था, जिसके चार दिन बाद यूएन महासभा में सदस्य देशों ने भारी बहुमत से मानवीय आधार पर ग़ाज़ा में तत्काल संघर्षविराम लागू किए जाने के पक्ष में मतदान किया, मगर यह प्रस्ताव क़ानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं था.

यूएन महासभा में आपात विशेष सत्र फिर शुरू होने के बाद बुधवार को स्थगित कर दिया गया, जिसमें अनेक देशों ने संकट पर अपने वक्तव्य पेश किए. 

सुरक्षा परिषद में पूरे सप्ताह मसौदे की ऐसी भाषा पर सहमति बनाने के प्रयास जारी रहे, ताकि अमेरिका द्वारा उसके विरोध में फिर से वीटो अधिकार का इस्तेमाल ना किया जा सके. 

प्रस्ताव के अहम बिन्दु

संयुक्त अरब अमीरात की स्थाई प्रतिनिधि और राजदूत लाना ज़ाकी नुसेईबेह ने बताया कि ग़ाज़ा में मानवीय हालात बेहद गम्भीर हैं और अकाल का भी जोखिम मंडरा रहा है. उनके अनुसार, परिषद के सदस्य देशों और सम्बद्ध पक्षों, फ़लस्तीन व मिस्र के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद यह प्रस्ताव तैयार हुआ है.

यूएई प्रतिनिधि ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य ग़ाज़ा में हिंसक टकराव का ख़ामियाज़ा भुगत रहे लोगों तक मानवीय सहायता पहुँचाना और उन तक जीवनरक्षक मदद ले जाने वाले राहतकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

साथ ही, इसमें बंधक बना कर रखे गए लोगों को तत्काल रिहा किए जाने और उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मानवीय सहायता मार्ग उपलब्ध कराने की बात कही गई है.

प्रस्ताव में मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण मामलों के लिए एक वरिष्ठ समन्वयक की नियुक्ति किए जाने की बात कही गई है, जिनका दायित्व ग़ाज़ा में जाने वाले सभी मानवीय सहायता क़ाफ़िलों के लिए समन्वय और निगरानी सुनिश्चित करना है.

इसके अलावा, नए समन्वयक द्वारा एक संयुक्त राष्ट्र तंत्र भी स्थापित किए जाने पर बल दिया गया है, जिसके ज़रिये ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की खेप के प्रावधान में तेज़ी लाई जा सके. 

सभी पक्षों से समन्वयक के साथ सहयोग किए जाने का आग्रह किया गया है ताकि बिना किसी देरी या बाधा के शासनादेश को पूरा किया जा सके.  

सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में सभी पक्षों से आग्रह किया गया है कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत तयशुदा दायित्वों का सम्मान किया जाना होगा, आमजन व नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा सुनिश्चित की जानी होगी.

साथ ही, मानवीय राहत के लिए मार्ग उपलब्ध करना होगा, और मानवीय सहायताकर्मियों की सुरक्षा व आवाजाही की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जानी होगी. 

…जारी

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