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ग़ाज़ा और लेबनान में, आम नागरिकों की पीड़ा का कोई अन्त नहीं

ग़ाज़ा और लेबनान में, आम नागरिकों की पीड़ा का कोई अन्त नहीं

यूएन प्रवक्ता स्टेफ़नी ट्रेम्बले ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मानवीय सहायताकर्मी असुरक्षित परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर हैं. इसराइली सैन्य बलों ने सख़्त पाबन्दियाँ थोपी हुई हैं, जिनकी वजह से उनके लिए ज़रूरतमन्द आबादी तक सम्भव नहीं है.

“बमबारी जारी रहने के बीच, फ़लस्तीनियों के पास सुरक्षा का कोई भी उपाय नहीं है.” उन्होंने दोहराया कि उत्तरी ग़ाज़ा में पूरी आबादी के लिए बीमारी, अकाल, हिंसा से मौत होने का जोखिम है.

संयुक्त राष्ट्र की साझेदार एजेंसियों का अनुमान है कि इस इलाक़े में क़रीब 14 हज़ार विस्थापित फ़लस्तीनी आश्रय स्थलों में रह रहे हैं, जिनमें फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी UNRWA द्वारा संचालित तीन केन्द्र भी हैं.

हिंसक टकराव जारी रहने के बावजूद, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले एक वर्ष में अपना सबसे बड़ा अभियान पूरा किया है, जिसमें गम्भीर रूप से बीमार 90 मरीज़ों को बेहतर इलाज के लिए ग़ाज़ा से बाहर संयुक्त अरब अमीरात व रोमानिया भेजा गया है. इनमें 38 बच्चे हैं.

इस अभियान को शुरू करने से पहले, यूएन एजेंसी ने 16 मरीज़ों और 20 देखभालकर्मियों को उत्तरी ग़ाज़ा से दक्षिणी ग़ाज़ा के नासेर मेडिकल कॉम्पलेक्स में भेजा था.

यूएन प्रवक्ता ट्रेम्बले ने मरीज़ों को ग़ाज़ा से बाहर निकालने के लिए सुरक्षित गलियारे स्थापित करने की अपील की है.

इस बीच, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNFPA) के समन्वय में जिन 40 सहायता ट्रकों को ग़ाज़ा रवाना किया जाना था, वे अब भी मिस्र व जॉर्डन की सीमा पर खड़े हैं और ग़ाज़ा में प्रवेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

इन ट्रकों में अति-आवश्यक मेडिकल सामग्र, स्वच्छता सामान समेत अन्य आपूर्ति हैं. अक्टूबर महीने की शुरुआत से अब तक UNFPA के केवल 16 ट्रक ही ग़ाज़ा पहुँच पाए हैं.

पिछले सप्ताह, यूएन एजेंसी ने ग़ाज़ा के डेयर अल बालाह इलाक़े में क़रीब साढ़े छह हज़ार गरिमा किट, स्वच्छता सामग्री समेत अन्य सामान वितरित किए थे.

लेबनान में विकट हालात

उधर, लेबनान में इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच जारी हिंसक टकराव में आम नागरिक झुलस रहे हैं. 

यूएन प्रवक्ता ट्रेम्बले ने बताया कि इसराइली सैन्य बलों द्वारा देश के कई हिस्सों में हवाई हमले किए हैं, जिनमें अनेक लोगों के हताहत होने का समाचार है.

वहीं, हिज़बुल्लाह ने इसराइल की ओर अनेक रॉकेट व ड्रोन छोड़े हैं.

लेबनान में यूएन मिशन (UNIFIL) ने भी बताया है कि इसराइली सैन्य बलों ने दक्षिणी लेबनान में अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखी है, और हिज़बुल्लाह के साथ झड़पें हुई हैं.

स्टेफ़नी ट्रेम्बले के अनुसार, लेबनान में हिंसा का आम लोगों पर बढ़ता असर चिन्ताजनक है और वह इसकी निन्दा करती हैं.

“सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का अनुपालन करना होगा और आम नागरिकों व बुनियादी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.”

हिंसक टकराव के बीच, यूएन एजेंसियाँ लेबनान में मानवीय सहायता अभियान को अपना समर्थन दे रही हैं, जिसके तहत ज़रूरतमन्द आबादी तक भोजन, जल, सर्दी के सामान की किट समेत अन्य आपूर्ति मुहैया कराई गई है.

दक्षिणी लेबनान में बमबारी से बुनियादी ढाँचे को नुक़सान पहुँचा है.

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