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ग़ाज़ा: इसराइल के नए बेदख़ली आदेशों से 2,000 लोगों का जीवन अधर में

ग़ाज़ा: इसराइल के नए बेदख़ली आदेशों से 2,000 लोगों का जीवन अधर में

इसराइल की तरफ़ से सोमवार को जारी किए गए ये बेदख़ली आदेश, जुलाई के बाद से इस क्षेत्र के लिए चौथा ऐसा निकासी आदेश है, और यह लगभग तीन वर्ग किलोमीटर को कवर करता है.

OCHA ने एक बार फिर ज़ोर देकर कहा है कि इसराइल द्वारा बार-बार जारी किए जाने वाले निकासी आदेश, आम लोगों को युद्ध के ख़तरों में चपेट धकेलते हैं और उन्हें आवश्यक सेवाओं तक पहुँच से वंचित करते हैं.

उत्तरी ग़ाज़ा में कड़ी हो रही इसराइली ‘घेराबन्दी’

यूएन एजेंसी ने बताया है कि उत्तरी ग़ाज़ा गवर्नरेट लगभग दो महीनों से इसराइल की कड़ी घेराबन्दी में है, जिससे लगभग 75 हज़ार तक लोगों को भोजन, पानी, बिजली या विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा तक नियमित पहुँच नहीं मिल पा रही है, क्योंकि बड़े पैमाने पर लोगों के हताहत होने की घटनाएँ जारी हैं.

इस बीच, मानवीय सहायता भागीदारों ने बताया कि ग़ाज़ा की पूरी आबादी को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जिसमें 58 हज़ार से अधिक विकलांग लोग शामिल हैं, जिन्हें भोजन हासिल करने में गम्भीर चुनौतियों का सामना करना पड़स रहा है.

दक्षिणी ग़ाज़ा में, कुछ लोगों को भूखे पेट रहना पड़ रहा है और लोग कूड़ेदानों में खाने-पीने योग्य चीज़ें खोज रहे हैं, या फिर अपने सम्बन्धियों को कम उम्र में शादी करने या बाल श्रम में धकेलने जैसे हताश उपायों का सहारा ले रहे हैं.

सहायता मिशनों में बाधा

OCHA ने चेतावनी दी कि हालात लगातार गम्भीर रहने के बीच, मानवीय सहायता की आपूर्ति में बाधाएँ बरक़रार हैं.

एजेंसी का कहना है, “नवम्बर में, ग़ाज़ा में पूर्व नियोजित 578 सहायता मिशनों को इसराइली अधिकारियों के साथ समन्वय और उनकी स्वीकृति की आवश्यकता थी, मगर उन्होंने केवल 41 प्रतिशत मिशनों को की मंज़ूरी दी.

एक तिहाई से अधिक सहायता मिशनों को सीधे मना कर दिया गया, और बाक़ी मिशनों को सुरक्षा व रसद चुनौतियों के कारण या तो बाधित किया गया या रद्द कर दिया गया.

OCHA ने दोहराते हुए कहा है कि आम लोगों तक, उनकी ज़रूरत की मानवीय सहायता सामग्री बिना किसी बाधा के पहुँचनी चाहिए.

एजेंसी का कहना है कि “चाहे लोग सफ़र में हों या किसी स्थान पर ठहरें, उन्हें सहायता सामग्री सुचारू रूप से मिलनी चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए – और जो लोग सुरक्षा की ख़ातिर विस्थापित होते हैं उन्हें परिस्थितियों के अनुसार जल्द से जल्द वापस लौटने की अनुमति होनी चाहिए.”

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