Uncategorized

ग़ाज़ा: इसराइली हमलों से किसानों को हुए नुक़सान के बीच भुखमरी की आशंका

ग़ाज़ा: इसराइली हमलों से किसानों को हुए नुक़सान के बीच भुखमरी की आशंका

यह बात तब सामने आई, जब कुछ मीडिया रिपोर्टों में ऐसे संकेत दिए गए कि युद्धविराम व बन्दियों के आदान-प्रदान के लिए, गुुरूवार को क़तर के दोहा शहर में होने वाली वार्ता, अगले सप्ताह के लिए टल गई है. 

ख़बरों के अनुसार, दक्षिणी इसराइल के विभिन्न स्थानों पर हमास के नेतृत्व वाले चरमपंथी हमले के बाद से लगभग 116 बन्धक अब भी लापता हैं. जिनमें से 44 बन्धकों के मारे जाने की आशंका है. इन हमलों में 1,250 लोग मारे गए थे और 250 लोगों को बन्धक बना लिया गया था.

यूएन राहत समन्वय कार्यालय OCHA ने ग़ाज़ा में भुखमरी की निराशाजनक स्थिति के एक आकलन में बुधवार को एक बार फिर चेतावनी दी कि सबसे अधिक ज़रूरत वाले लोगों तक बहुत ही कम राहत पहुँच पा रही है.,

यूएन एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा. “असुरक्षा, नष्ट हुई सड़कें, छिन्न-भिन्न हुई क़ानून-व्यवस्था और पहुँच सीमित होने के कारण, कैरेम शलोम चौकी और ख़ान यूनिस, अल दियार अल बलाह के बीच के मानवीय राहत मार्ग पर आवाजाही का अवरुद्ध होना जारी है.”  

सामुदायिक रसोई जोखिम में

OCHA ने बताया कि मध्य/दक्षिण ग़ाज़ा से उत्तर की ओर ईंधन व राहत सामग्री की अपर्याप्त आपूर्ति डिलीवरी के कारण, उत्तरी ग़ाज़ा की 6 बेकरियों में ‘बहुत कम” मात्रा में आपूर्ति पहुँच रही हैं, जिससे वो एक समय में कुछ दिन ही चल पाती है. इनमें से चार बेकरियाँ ग़ाज़ा शहर में व दो उत्तरी ग़ाज़ा में हैं.  

रोज़मर्रा की सामग्री की “गम्भीर कमी”से सामुदायिक रसोई प्रभावित हो रही हैं, और गर्मी के मौसम में बढ़ते तापमान से भोजन के ख़राब होने व फेंक दिए गए भोजन के सड़ने” का जोखिम पैदा हो गया है.

OCHA के मुताबिक़, “इसके अतिरिक्त, लाखों ज़रूरतमन्दों व नए विस्थापितों को देखते हुए, ग़ाज़ा व उत्तरी ग़ाज़ा में गर्म भोजन पकाने की क्षमता पर्याप्त नहीं है.” 

OCHA के अनुसार, “तीन महीने से ग़ाज़ा में कोई भी व्यवसायिक आपूर्ति नहीं होने से, स्थानीय बाज़ार में प्रोटीन के माँस व मुर्ग़ियों जैसे स्रोत बिल्कुल ख़त्म हो गए हैं.”

यूएन एजेंसी ने चेतावनी दी है कि “बीज, ख़ाद व अन्य पशु एवं फ़सल उत्पादन की सामग्री” की कमी, ग़ाज़ा में स्थानीय खाद्य उत्पादन को बहाल करने के रास्ते में “मुख्य रुकावट” बनी हुई है. एजेंसी ने बताया कि उत्तरी ग़ाज़ा में केवल कुछ ही प्रकार की स्थानीय रूप से उत्पादित सब्ज़ियाँ मिल रहीं हैं, वो भी ऐसी क़ीमतों पर जो “पहुँच से बाहर” हैं.

OCHA ने मई के शुरू में इसराइली हमलों में नष्ट हुए रफ़ाह और इस सप्ताह पूर्वी ख़ान यूनिस से हुए विस्थापन की ओर इशारा करते हुए बताया कि “युद्ध से पहले यहाँ कृषि उत्पादन का एक अहम भाग केन्द्रित होता था.”

हाल ही में ग्रीनहाउसों को हुए नुक़सान के अतिरिक्त, अब ग़ाज़ा के खेतों में कोई भी लोग काम करते नहीं दिख रहे हैं. OCHA की रिपोर्ट ने आगाह किया, “कृषि के वर्तमान व आने वाले मौसम में नुक़सान होने से, लोगों की आजीविकाओं के नष्ट होने की सम्भावना है.”

यह आकलन, यूएन खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की पूर्व चेतावनियों से पूरी तरह मेल खाता है, जिसमें रेखांकित किया गया था कि ग़ाज़ा पट्टी में 40 प्रतिशत भूमि कृषि के लिए उपयोग होती है, जो रोज़मर्रा के उपभोग में 30 प्रतिशत का योगदान देती है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “टकराव के कारण कृषि सैक्टर को व्यापक हानि पहुँची है, जिससे ताज़ा व पोषक भोजन का महत्वपूर्ण स्थानीय उत्पादन बिल्कुल बन्द हो गया है, और एक सेहतमन्द आहार के लिए ज़रूरी खाद्य पदार्थों तक लोगों की पहुँच बहुत कम हो गई है.”  

भुखमरी के स्तर पर यूएन के सहयोग से तैयार की गई IPC रिपोर्ट के मुताबिक़, ग़ाज़ा की 96 प्रतिशत आबादी, यानि लगभग 2.15 करोड़ लोग, “संकट” स्तर पर या उससे भी ज़्यादा स्तर पर गम्भीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. 

मतलब यह कि यह एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (IPC) का स्तर 3 है. (IPC पर विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.)

Source link

Most Popular

To Top