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ग़ाज़ा: आधे से भी कम यूएन सहायता मिशनों को मिली इसराइली अनुमति

संयुक्त राष्ट्र के राहत समन्वय कार्यालय – OCHA ने नवीनतम जानकारी में बताया है कि मार्च के प्रथम दो सप्ताहों के दौरान, इसराइली अधिकारियों ने 24 में से केवल 11 सहायता मिशनों को मंज़ूरी दी थी. “शेष सहायता मिशनों को या तो पूरी तरह से रोक दिया गया या स्थगित कर दिया गया.”

एजेंसी ने बताया कि पाँच सहायता क़ाफ़िलों को दाख़िल होने से रोक दिया गया और आठ क़ाफ़िलों को स्थगित कर दिया गया.

एजेंसी ने आगाह करते हुए कहा कि मानवीय सहायता की आपूर्ति पर बाधाओं से, विशेष रूप में उत्तरी ग़ाज़ा में लाखों लोगों तक समय पर मदद पहुँचाना, गम्भीर रूप से प्रभावित हो रहा है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को भी इन्हीं पुकारों को दोहराते हुए, इसराइल सरकार से, पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में, मानवीय सहायता की निर्बाध और पूर्ण आपूर्ति को मंज़ूरी दिए जाने का आग्रह किया है.

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता प्रयासों को पूर्ण समर्थन दिए जाने का भी आहवान किया है.

यूएन महासचिव ने ब्रसेल्स में योरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के दौरान, ग़ाज़ा में मौतों को तुरन्त रोके जाने, एक मानवीय युद्धविराम तुरन्त लागू किए जाने और बन्धकों की बिना शर्त रिहाई की अपनी पुकारें फिर दोहराई हैं.

वादी ग़ाज़ा का रास्ता

यूएन राहत समन्वय कार्यालय – OCHA ने बताया है कि ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़ों में मानवीय सहायता पहुँचाने केलिए, हर रोज़, इसराइली अधिकारियों की स्वीकृति की ज़रूरत है. 

मगर इसराइली अधिकारियों के साथ समन्वय करने के तमाम प्रयासों के बावजूद, “ट्रकों को अक्सर वापिस लौटाया जा रहा है, यहाँ तक कि ग़ाज़ा वादी की प्रवेश चौकी पर लम्बे समय तक प्रतीक्षा करने के बाद भी.”

एजेंसी का कहना है कि सहायता क़ाफ़िले, भूखे-प्यासे व हताश लोगों के ध्यान के केन्द्र भी बन गए हैं. “इस स्थिति को रोकने का एक मात्र रास्ता ये सुनिश्चित करना है कि विश्वसनीय रूप में सहायता आपूर्ति की जा सके.” 

मार्च के पहले पखवाड़े के दौरान ही, इसराइली अधिकारियों ने वादी ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़ों में, लगभग 75 प्रतिशत सहायता क़ाफ़िलों को मंज़ूरी दी. ये संख्या 103 में से 78 क़ाफ़िलों की थी. 15 सहायता क़ाफ़िलों को अस्वीकृत किया गया और दस सहायता क़ाफ़िलों को या तो नामंज़ूर कर दिया गया या स्थगित कर दिया गया.

अकाल के नज़दीक

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी ने चेतावनी जारी की है कि ग़ाज़ा पट्टी के कुछ हिस्सों में अकाल फैलने की आशंका नज़दीक आती जा रही है.

वहीं, ग़ाज़ा सिटी के उत्तर में एक राहत क़ाफ़िले पर हुए हमले में बीती रात 24 लोगों के मारे जाने की ख़बर है. 

UNRWA ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, फर अपने सन्देश में बताया कि अब तक मार्च महीने में, हर दिन औसतन 159 राहत सामग्री ट्रकों ने ग़ाज़ा में प्रवेश किया है, जोकि ज़रूरतों के स्तर से बहुत कम है. 

यूएन मानवीय सहायताकर्मियों ने बार-बार कहा है कि ग़ाज़ा पट्टी में युद्धविराम और सभी बंधकों की रिहाई, सड़क मार्ग से ग़ाज़ा में पर्याप्त सहायता पहुँचाने का एकमात्र रास्ता है. 

उन्होंने इस समुद्री मार्ग से राहत खेप रवाना किए जाने या फिर विमान से सहायता सामग्री गिराए जाने से अधिक कारगर बताया है.

समाचार माध्यमों के अनुसार, क़तर में बुधवार को लगातार तीसरे दिन, इसराइल, अमेरिका और मिस्र के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता जारी है.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर के बाद से अब तक 31 हज़ार 923 लोगों की जान जा चुकी है और 74 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.

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