विश्व

ग़ाज़ा: अहम सीमा चौकियाँ बन्द होने से अनिश्चितता में उछाल

यूएन एजेंसियों का कहना है कि परिवार बहुत भयभीत हैं और मनोवैज्ञानिक और अपने अस्तित्व के लिए केवल एक धागे से लटके हुए हैं.

ग़ौरतलब है कि रफ़ाह और कैरेम शेलॉम नामक दो सीमा चौकियों से ही दाख़िल हुआ जा सकता है जिन्हें इसराइल ने बन्द कर दिया है क्योंकि इन पर इसराइल का ही नियंत्रण है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, इन सीमा चौकियों को बन्द किए जाने के बाद, एक आपात अपील में, सोमवार को दोनों पक्षों से, युद्ध समाप्ति के लिए हर सम्भव क़दम उठाने का आग्रह किया था.

संयुक्त राष्ट्र की आपात राहत समन्वय एजेंसी – OCHA के प्रवक्ता जेंस लाएर्के ने मंगलवार को जिनावी में पत्रकारों को बताया कि इसराइल अधिकारियों ने, रफ़ाह सीमा चौकी पर पहुँचने के लिए अनुमति नहीं दी है.

उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि इस समय ग़ाज़ा में सहायता पहुँचाने के लिए उपलब्ध दो प्रवेश रास्तों को बन्द कर दिया गया है.”

जेंस लाएर्के ने दीगर चेतावनी देते हुए कहा है कि ग़ाज़ा में मौजूदा मानवीय सहायता सामग्री के भंडार, केवल लगभग एक दिन की ज़रूरतें पूरी कर सकते हैं.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि रफ़ाह सीमा चौकी ही ईंधन की आपूर्ति के लिए केवल एक मात्र प्रवेश द्वार है. उसके बन्द रहने से बिजली जैनरेटर, ट्रक और संचार उपकरण काम नहीं कर सकते.

“अगर लम्बे समय तक ईंधन की आपूर्ति नहीं आ सकती तो, यह तरीक़ा, मानवीय सहायता अभियानों को उनकी क़ब्रों भेजने के लिए बहुत असरदार साबित होगा.”

प्रवक्ता ने बताया कि इसराइली सेनाएँ इस बारे में तमाम चेतावनियों को नज़रअन्दाज़ कर रही हैं कि रफ़ाह सीमा चौकी को बन्द किए जाने का, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता अभियानों के लिए क्या अर्थ होगा.

अकाल के बारे में चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने भी इन्हीं चिन्ताओं को दोहराते हुए कहा है कि रफ़ाह में इसराइल का सैन्य हमला, मानवीय सहायता आपूर्ति को बहुत बुरी तरह से उलझा देगा.

यूनीसेफ़ के प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने कहा है, “यह समझ पाना बहुत मुश्किल है कि अगर रफ़ाह सीमा चौकी को लम्बे समय तक बन्द रखा गया तो, मानवीय सहायता एजेंसियाँ, पूरे ग़ाज़ा पट्टी इलाक़े में अकाल को किस तरह टालेंगी… कठिन हालात का सामना करने की परिवारों की क्षमता बिखर चुकी है. परिवार मनोवैज्ञानिक और अपने अस्तित्व के बारे में केवल एक धागे से लटके हुए हैं.”

 उन्होंने कहा कि वो जितने भी परिवारों से मिले हैं, उनमें से कोई भी परिवार ऐसा नहीं था, जिनके घर और प्रियजन इस युद्ध में नहीं ख़त्म हुए हों.

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