नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में 2030 तक सालाना एक करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि देश में इससे करीब 5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने 19वें ईवी एक्सपो 2023 को संबोधित करते हुए कहा कि गाड़ियों के आंकड़ों के अनुसार भारत में 34.54 लाख ईवी पहले ही रजिस्डर्ड हैं। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत में दुनिया का शीर्ष ईवी विनिर्माता बनने की क्षमता है और सरकार स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
‘सरकार का इरादा EV को बढ़ावा देने का है’
गडकरी ने कहा कि सरकार ने मौजूदा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को हाइब्रिड और पूरी तरह से ईवी में बदलने की इजाजत दे दी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है और टेक्नॉलजी का प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक में तेजी से EV को बढ़ावा देने का है। इससे पहले गडकरी न बुधवार को कहा था कि हाइवे टोल प्लाजा की मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए सरकार अगले साल मार्च तक GPS-आधारित टोल संग्रह प्रणाली सहित नई टेक्नॉलजी पेश करेगी।
क्या है GPS -बेस्ड टोल सिस्टम लाने का मकसद?
बता दें कि GPS-बेस्ड टोल सिस्टम लाने का मकसद हाइवे पर ट्रैफिक को कम करना और यात्रा की गई सटीक दूरी के लिए फीस वसूलना है। गडकरी ने कहा था, ‘सरकार देश में टोल प्लाजा व्यवस्था को बदलने के लिए GPS-बेस्ड टोल सिस्टम सहित नई प्रौद्योगिकियां लाने पर विचार कर रही है। हम अगले साल मार्च तक देश भर में नए GPS सटलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन शुरू कर देंगे।’ उन्होंने कहा था कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गाड़ियों को रोके बिना स्वचालित टोल संग्रह को सक्षम बनाने के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की दो प्रायोगिक परियोजनाएं भी चलाई हैं।