तिरुवनंतपुरम: लोकतंत्र का महापर्व कहे जाने वाले लोकसभा चुनावों में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। आने वाले कुछ हफ्ते देश में सियासी उतार-चढ़ाव का गवाह बनेंगे। देश की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए 543 लोकसभा सीटों के लिए सांसदों का चुनाव करेगी। इन्हीं 543 लोकसभा सीटों में से एक केरल की तिरुवनंतपुरम सीट भी है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर इस सीट से लगातार 3 चुनाव जीत चुके हैं और यही वजह है कि तिरुवनंतपुरम पर पूरे देश की नजरें होती हैं।
2024 में भी बीजेपी बनाम कांग्रेस की संभावना
तिरुवनंतपुरम की लोकसभा सीट 7 विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बनी है। इन 7 सीटों के नाम कझाकूटम, वत्तियुरकवु, तिरुवनंतपुरम, नेमम, परसला, कोवलम और नेयात्तिंकरा है। कोवलम विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है, तिरुवनंतपुरम की सीट पर जनाधिपत्य केरल कांग्रेस का कब्जा है और बाकी सभी सीटों पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी यानी कि CPI के विधायक हैं। हालांकि पिछले 3 लोकसभा चुनावों में स्थिति पूरी तरह बदली हुई नजर आई है और मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के ही बीच हुआ है।
2009 से ही चुनाव जीत रहे हैं शशि थरूर
केरल की 20 लोकसभा सीटों में से एक तिरुवनंतपुरम में इस बार कांटे का मुकाबला हो सकता है। शशि थरूर ने भले ही इस सीट से 3 बार जीत दर्ज की हो लेकिन बीजेपी ने हर बार उन्हें चुनौती दी है। 2019 के लोकसभा चुनावों में थरूर ने बीजेपी प्रत्याशी के. राजशेखरन को लगभग एक लाख वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन 2014 के चुनावों में थरूर ने बीजेपी प्रत्याशी ओ. राजगोपाल से करीब 15 हजार वोटों के अंतर से ही बाजी मारी थी। वहीं, 2009 के चुनावों में थरूर ने सीपीआई प्रत्याशी पी. रामचंद्रन नायर को करीब एक लाख मतों के अंतर से पराजित किया था।
तिरुवनंतपुरम में बढ़ता रहा है वोट प्रतिशत
2011 की जनगणना के अनुमान के मुताबिक, तिरुवनंतपुरम संसदीय क्षेत्र की जनसंख्या 17,03,709 है। कुल जनसंख्या में से 27.83 फीसदी ग्रामीण और 72.17% शहरी है। कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) का अनुपात क्रमशः 9.82 और 0.45 है। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र में 13,34,665 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 73.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनावों में 68.63 फीसदी और 2009 में 65.74 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे।
तिरुवनंतपुरम हारी, लेकिन केंद्र में जीती BJP
बीजेपी भले ही तिरुवनंतपुरम का किला आज तक नहीं जीत पाई हो, लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में NDA ने भगवा दल के नेतृत्व में ही केंद्र में सरकार बनाई और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। 2014 में लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से लेकर 12 मई तक कुल 9 चरणों में संपन्न हुए थे जबकि नतीजे 16 मई को आए थे। वहीं, 2019 में आम चुनाव 11 अप्रैल से लेकर 19 मई तक कुल 7 चरणों में कराए गए थे और चुनावों के नतीजे 23 मई को आए थे।