यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में सर्दी के महीनों के दौरान, संक्रमण मामलों में और अधिक वृद्धि दर्ज किए जाने की सम्भावना है.
संगठन द्वारा साझा किए गए नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, 20 नवम्बर से 17 दिसम्बर 2023 तक की चार सप्ताह की अवधि के दौरान, उससे पहले के 28 दिनों की तुलना में संक्रमण मामलों में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिन्डमायर ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि ये कोविड-19 संक्रमण के साढ़े आठ लाख मामलों को दर्शाता है. मगर, वास्तविक आँकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका जताई गई है.
मृतक संख्या में भी आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और इस अवधि के लिए यह आँकड़ा तीन हज़ार तक पहुँच गया है.
“आप जानते हैं कि दुनिया भर में, और आपने अपने भी देशों में देखा है कि [संक्रमण मामलों की] रिपोर्टिंग में कमी आई है, निगरानी केन्द्रों की संख्या में गिरावट आई है, टीकाकरण केन्द्र भी घटे हैं, या उन्हें बन्द कर दिया गया है.”
वायरस का नया प्रकार
यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने सचेत किया कि इन हालात में अधूरी तस्वीर ही नज़र आएगी, और इसलिए दुर्भाग्यवश, हमें यह मानकर चलना चाहिए कि आधिकारिक रूप से पुष्ट मामलों की तुलना में कहीं अधिक संक्रमण मामले हैं.
बताया गया है कि कोरोनावायरस संक्रमण के अधिकाँश मामलों के लिए कोविड-19 का नया रूप व प्रकार, JN.1 ज़िम्मेदार है, जिसकी यूएन एजेंसी द्वारा निगरानी की जा रही है.
कोरोनावायरस के इस प्रकार के मामले सबसे पहले अमेरिका में दर्ज किए गए थे, जिसके बाद यह अन्य देशों में भी फैल गया.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ओमिक्रॉन वैरीएंट से ही उभरा है, जोकि 2022 में कोविड संक्रमण मामलों में आई उछाल की एक बड़ी वजह था. कोविड-19 का पहला मामला चीन के वूहान शहर में दिसम्बर 2019 में दर्ज किया गया था.
संक्रमण के तेज़ी से विश्व के कई अन्य देशों में फैलने के बाद, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने 11 मार्च 2020 को इसे एक वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था.
अब तक, विश्व भर में कोरोनावायरस संक्रमण के 77 करोड़ 34 लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, 69 लाख 91 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है, और साढ़े 13 अरब से अधिक वैक्सीन ख़ुराकें दी जा चुकी हैं.