यूएन प्रमुख ने कहा कि दुनिया को सुरक्षित मार्ग पर ले जाने के लिए विशाल स्तर पर वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है. “आप अग्रिम पंक्ति में हैं…उपभोक्ताओं, निवेशकों और नियामकों को यह समझने में मदद करते हुए कि विश्वसनीय नैट-शून्य की तस्वीर क्या होगी.”
नैट-शून्य से तात्पर्य, ग्रीनहाउस गैस की कुल उत्सर्जित मात्रा और वातावरण से हटाई गई मात्रा के बीच सन्तुलन साधने से है.
सूखे, बाढ़ और तूफ़ान जैसी चरम मौसम घटनाएँ, दुनिया के अनेक हिस्सों में मानवीय त्रासदी और आर्थिक विध्वंस की वजह बन रही है. इसके मद्देनज़र, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना ज़रूरी है, मगर उत्सर्जन में कटौती लाने के इरादे से ठोस क़दमों के लिए समय बीता जा रहा है.
यूएन प्रमुख ने इसी उद्देश्य से गुरूवार को ग़ैर-सरकारी पक्षों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया ताकि उनके द्वारा अब तक की गई कार्रवाई व भावी रणनीतियों पर चर्चा की जा सके.
महासचिव गुटेरेश ने मिस्र के शर्म-अल-शेख़ में कॉप27 जलवायु सम्मेलन के दौरान अहम सिफ़ारिशों के साथ एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा उपाय अपनाए जाने की अपेक्षा है.
‘Integrity Matters’ नामक इस रिपोर्ट में 10 सिफ़ारिशें पेश की गई हैं, जोकि नैट-शून्य उत्सर्जन संकल्पों को विश्वसनीय ढंग से हासिल करने और उनके लिए जवाबदेही तय किए जाने पर लक्षित हैं.
सुरक्षित मार्ग की ओर
ये अनुशंसाएँ बताती हैं कि अपनी प्रगति के हर चरण में ग़ैर-सरकारी पक्षों को चन्द बातों का ख़याल रखना होगा ताकि जलवायु संकट से निपटने के लिए ज़रूरी नैट-शून्य लक्ष्यों की ओर बढ़ा जा सके.
महासचिव गुटेरेश ने इन लक्ष्यों की दिशा में प्रयासों की अगुवाई करने के लिए प्रतिनिधियों का आभार प्रकट किया और कहा कि अब अन्य को इसका अनुसरण करना है.
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष कॉप30 सम्मेलन तक नई योजनाएँ तैयार की जानी होंगी, जिनमें वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने, 2050 तक नैट-शून्य लक्ष्य हासिल करने के लिए क़दम स्पष्ट किए गए हों.
इसके लिए जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल को चरणबद्ध ढंग से ख़त्म किया जाना, अपने हितों के लिए राजनैतिक लॉबीइंग पर नीतियों को उजागर करना, और वैल्यू चेन को कार्बन से मुक्त कराया जाना अहम है.
यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि यह समय तेज़ी से क़दम आगे बढ़ाने का है, ना कि पिछड़ जाने का. यह समय महत्वाकाँक्षा व पारदर्शिता का है, हरित दावों व लीपापोती का नहीं.
समन्वित प्रयास
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि स्वैच्छिक संकल्पों से आगे बढ़कर अब नियमों को अनिवार्य बनाया जाना होगा. “मानवता का भविष्य दाँव पर लगा हुआ है. कार्रवाई का कोई विकल्प नहीं हो सकता है.”
यूएन प्रमुख ने व्यवसायों, वित्तीय संस्थाओं, शहरों, क्षेत्रों व अन्य हितधारकों से आग्रह किया कि उन्हें सरकारों के साथ मिलकर अपनी राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं को तैयार करना होगा, जिन्हें फिर अगले वर्ष कॉप30 सम्मेलन में पेश किया जाना है.
उनके अनुसार 1.5 डिग्री लक्ष्य के अनुरूप भविष्य साकार करने के लिए सरकारों को नीतियाँ व नियामन सम्बन्धी निरन्तरता प्रदान करनी होगी. और यह सुनिश्चित करना होगा कि अन्य पक्षों के कामकाज में समर्थन दिया जाए ना कि उनके कामकाज में जटिलताएँ पेश हों.