Arvind Kejriwal ED case: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली विजिलेंस डिपार्टमेंट ने अब सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार (Bibhav Kumar) को “अवैध नियुक्ति” के आधार पर बर्खास्त कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, डायरेक्टरेट ऑफ विजिलेंस (DoV) ने बुधवार को उनकी नियुक्ति को अवैध करार देते हुए विभव कुमार की सेवाएं समाप्त कर दीं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब उन्हें ED ने हाल ही में पूछताछ के लिए बुलाया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, विजिलेंस डिपार्टमेंट ने विभव कुमार की नियुक्ति को अवैध माना है। डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी YVVJ राजशेखर द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि कुमार की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। आदेश में कहा गया है कि विभव कुमार की नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का ईमानदारी से पालन नहीं किया गया। इसलिए ऐसी नियुक्ति अवैध और अमान्य है।
ED ने किया था तलब
विजिलेंस डिपार्टमेंट ने कहा है कि एक निजी व्यक्ति की नियुक्ति अस्थायी है। उसकी लंबित आपराधिक जांच के बारे में पृष्ठभूमि की जांच नहीं की गई थी। फरवरी में विभव को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी तलब किया था।
पीटीआई की एक रिपोर्ट में तब कहा गया था कि केजरीवाल के निजी सचिव से पूछताछ ED के उन आरोपों से संबंधित थी कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और कुमार सहित कम से कम 36 आरोपियों ने “रिश्वत” के सबूत छुपाने के लिए 170 फोन “नष्ट कर दिए या इस्तेमाल” किए। आबकारी नीति घोटाला मामले में हजारों करोड़ रुपये का मामला सामने आया है।”
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP नेता जैस्मिन शाह ने कहा, ”पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को फर्जी दिल्ली शराब मामले में गिरफ्तार किया गया। अब, एलजी ने अपने निजी सचिव सहित पूरे स्टाफ को बर्खास्त करना शुरू कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता कपिल मिश्रा ने कहा, ”विभव को हटाना जरूरी था। एक तो उनकी नियुक्ति अवैध थी। दूसरे उन पर भ्रष्टाचार के मामले में जांच चल रही थी और तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि केजरीवाल जेल में हैं। शराब नीति मामले के आरोपियों के इशारे पर उनकी टीम सबूत नष्ट कर सकती है और गवाहों को प्रभावित कर सकती है। उन्हें हटाने के कदम से निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।’
अमानतुल्ला खान भी मुश्किल में
विभव को बर्खास्त करने के अलावा AAP विधायक अमानतुल्ला खान पर एक और मुसीबत मंडरा रही है क्योंकि ईडी कथित तौर पर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, यह मामला कथित शराब नीति घोटाले से जुड़ा नहीं है। लेकिन दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को खान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था। अदालत ने मामले को 18 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है, क्योंकि जांच एजेंसी ने अपने आवेदन के समर्थन में दस्तावेज दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा है।
ED ने मामले में ओखला विधायक के तीन कथित सहयोगियों सहित चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इस हफ्ते की शुरुआत में, दिल्ली की एक अदालत ने खान को 20 अप्रैल को पेश होने के लिए समन जारी किया था, जब जांच एजेंसी ने समन का पालन नहीं करने पर विधायक के खिलाफ मुकदमा शुरू करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था।