बंगाल में टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने शिक्षक भर्ती घोटाले में हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। कुणाल घोष के अनुसार टीएमसी के नेताओं को इस बात की पूरी जानकारी थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नौकरियों के नाम पर जबरन वसूली हो रही थी।
टीएमसी द्वारा कुणाल घोष को राज्य संगठन के महासचिव पद से हटाए जाने पर पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि कुणाल घोष को काफी समय पहले पार्टी से हटा देना चाहिए। वे पार्टी को जितना नुकसान पहुंचा रहे हैं उतना तो विरोधी पार्टी भी नहीं पहुंचा रहे।
बंगाल में टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने शिक्षक भर्ती घोटाले में हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। कुणाल घोष के अनुसार टीएमसी के नेताओं को इस बात की पूरी जानकारी थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नौकरियों के नाम पर जबरन वसूली हो रही थी। पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले ही इसकी जानकारी थी। पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने यह भी दावा किया कि इस भ्रष्टाचार और जबरन वसूली की जानकारी के कारण ही पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को 2021 विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद शिक्षा मंत्रालय से उद्योग विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ते हुए कह दिया था कि उन्हें इस सब के बारे में पता ही नहीं था।
गिरफ़्तारी के बाद चटर्जी को राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। विधायक माणिक भट्टाचार्य और जीबन कृष्ण साहा सहित कई टीएमसी नेताओं को घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। यह बयान घोष को भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच साझा करने के बाद टीएमसी पश्चिम बंगाल महासचिव के पद से हटाए जाने के एक दिन बाद आया है।
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