लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राष्ट्रीय जनता दल से दोस्ती कर विपक्षी गठबंधन में शामिल होने वाले मुकेश सहनी अभी भी पुराने साथी बीजेपी से नाराज हैं। इंडिया टीवी के साथ बातचीत में उनकी नाराजगी साफ जाहिर हुई। उन्होंने कहा कि वह किसी के सामने भीख नहीं मांग रहे हैं, जब उनके पास ताकत होगी, तब वह निषाद आरक्षण लेकर रहेंगे। बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने उन्होंने कहा कि उनके पास एक सीट का ऑफर था और बात करने पर दो सीटें मिल जातीं, लेकिन सीट उनके लिए मायने नहीं रखती हैं। वह निषाद आरक्षण के लिए राजनीति में आए थे।
2017 में यूपी में अखिलेश यादव और राहुल गांधी साथ आए थे, लेकिन उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। अब बिहार में मुकेश और तेजस्वी साथ आए हैं। इस पर जब उसने पूछा गया कि यूपी के दो लड़के तो फेल हो गए थे। बिहार में क्या होगा? जवाब में उन्होंने कहा कि कोई कभी सफल नहीं हुआ तो उसका यह मतलब नहीं है कि आप सफल नहीं हो पाएंगे। अभी मजबूती से वह अपना काम कर रहे हैं, जनता भी बदलाव चाह रही है, वह अपनी भूमिका निभा रहे हैं, जनता के बीच जा रहे हैं, विपक्ष का काम है वो कर रहे हैं।
निषाद आरक्षण लेकर रहेंगे
मुकेश सहनी ने कहा “हम बिहार में राजनीति करने के लिए नहीं आए थे, हम अपने लोगों में बदलाव देखना चाह रहे थे। निषाद आरक्षण की लड़ाई है हमारी..2018 में हमने पार्टी बनाई, हम मंत्री भी बने, हमारे सहयोग से सरकार बनी, फिर किस तरह से भाजपा ने हमारे विधायकों को खरीद लिया और हमें बाहर कर दिया।” राष्ट्रीय जनता दल ने भी निषाद आरक्षण का वादा नहीं किया है। इस पर उन्होंने कहा ” राजद सरकार में है नहीं, राजद की जवाबदेही नहीं है कि निषाद को आरक्षण मिले, मेरी अपनी जवाबदेही है, हम आरक्षण लेकर रहेंगे, जब हमारे पास ताकत आएगी। किसी के सामने भीख थोड़े ही मांग रहे हैं।”
हमारी मछली का कांटा बहुत लोगों को गड़ा
तेजस्वी के साथ अपनी जोड़ी पर उन्होंने कहा “यह जोड़ी इतनी मजबूत है कि जिसका जवाब नहीं है, यह जोड़ी जैसे ही फ्रेम में आया तो कितने को मिर्ची लगने लगी। देश के प्रधानमंत्री को बोलना पड़ा, हमारे मछली का कांटा बहुत लोगों को गड़ा,समझ सकते हैं कि हमारी जोड़ी कितनी हिट है।” मछली खाने के वीडियो पर उन्होंने कहा “हम मछुआरा समाज से आते हैं, हम उस दिन अच्छी मछली लेकर गए थे और जब खा रहे थे तो ऐसा मोमेंट आया कि सोचा गया कि चलो वीडियो बनाते हैं और जब वीडियो बन रहा था उस समय हमको एहसास था कि यह जिस दो जोड़ी की बात आप कर रहे हैं यह बहुत कमाल की जोड़ी है, इसको देखकर कई लोगों को मिर्ची लगेगी। हमको मालूम था कि बीजेपी रिएक्ट करेगी, बीजेपी की रणनीति हमारी पार्टी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की थी। हमारे चुनाव चिन्ह को दूसरे को अलॉट कर दिया गया।”
बीजेपी के हिसाब से नहीं चलेंगे
मुकेश ने कहा कि वह बीजेपी के हिसाब से नहीं चलेंगे। बीजेपी को बताना चाहिए कि उनके वादों का क्या हुआ? सहनी ने कहा कि उन्हें सनातनी होने का सर्टिफिकेट किसी से लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने दावा किया कि तीन उपचुनाव में वह 25-30 हजार निषाद वोट अपने साथ लाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य में गठबंधन की सरकार बनी तो वह डिप्टी सीएम भी होंगे। बीजेपी का साथ छोड़ने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनके साथ गद्दारी की। टिकट बेचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बड़ी पार्टियों से पूछा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में वह एक-दो सीट हार सकते हैं, लेकिन अन्य सभी सीटों पर उनके गठबंधन की जीत होगी।
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