भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन पर एक ‘श्वेत पत्र’ लाएगी। सूत्रों ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद का मौजूदा सत्र (बजट) भी इसी वजह से एक दिन (शनिवार तक) बढ़ाया जाएगा। यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र के माध्यम से भारत की आर्थिक बदहाली और अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इसमें उस समय उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के प्रभाव के बारे में भी बात की जाएगी।
केंद्र सरकार मनमोहन सिंह सरकार के दौरान हुए ‘आर्थिक कुप्रबंधन’ पर एक ‘श्वेत पत्र’ पेश करेगी। जानकारी के मुताबिक ये श्ववेत पत्र संसद में 9 या फिर 10 फरवरी को पेश किया जा सकता है। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ‘श्वेत पत्र’ में उन ‘सकारात्मक कदमों’ पर भी बात होगी जो उस वक्त उठाए जा सकते थे। वित्त मंत्री निर्मला सीथरामन ने गुरुवार (1 फरवरी) को अगले वित्तीय वर्ष के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए घोषणा की, “सरकार सदन के पटल पर एक श्वेत पत्र रखेगी।” उन्होंने कहा कि 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था को चरण दर चरण सुधारने और शासन प्रणालियों को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी।
उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि लोगों में आशा जगाई जाए, निवेश आकर्षित किया जाए और बेहद जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए। सीतारमण, जो अपना छठा बजट पेश कर रही थीं, ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ को अपने ‘मंत्र’ के रूप में लेते हुए, सरकार ने उन चुनौतियों पर सही मायने में काबू पाया। संरचनात्मक सुधार किए गए, जन-समर्थक कार्यक्रम तैयार किए गए और तुरंत लागू किए गए, और रोजगार और उद्यमिता के लिए अधिक अवसरों के लिए स्थितियां बनाई गईं।
Modi government will bring a ‘white paper’ on the economic mismanagement of the UPA government. The session of Parliament has also been extended for one day for this very reason. The White Paper will elaborate on India’s economic misery and its negative impacts on the economy…
— ANI (@ANI) February 6, 2024