राजनीति

कांग्रेस की मप्र विधानसभा में नेहरू की तस्वीर लगाने की मांग, विस अध्यक्ष समिति गठित करेंगे

मध्यप्रदेश विधानसभा से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाने को लेकर हुए विवाद के बीच, नवनिर्वाचित अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि सदन में महान नेताओं की तस्वीरें लगाने के बारे में निर्णय लेने के लिए विधायकों की एक समिति गठित की जाएगी।
कांग्रेस नेहरू की तस्वीर हटाने को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साध रही है।
विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पीछे नेहरू की तस्वीर लगी थी और जुलाई में इस तस्वीर को हटाकर संविधान निर्माता डॉ.बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लगा दी गई थी।
बुधवार को कार्यवाही शुरू होने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और कांग्रेस के अन्य विधायकों ने यह मुद्दा तब उठाया, जब राज्यपाल मंगूभाई पटेल अभिभाषण दे रहे थे।

सोलहवीं मध्यप्रदेश विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हो गया।
सिंघार ने मांग की कि सदन में नेहरू की तस्वीर फिर से लगाई जाये क्योंकि वह देश के एक कद्दावर नेता थे और उन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की तस्वीर भी विधानसभा में लगाई जानी चाहिए।
भाजपा विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने सुझाव दिया कि बेहतर होगा कि अध्यक्ष सदन के अंदर नेताओं की तस्वीरें लगाने के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए विधायकों की एक समिति गठित करें और उसकी सिफारिशों के आधार पर ऐसे मुद्दों का समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा, ‘‘विधायी परंपराओं के अनुसार, राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया जाता है और कोई अन्य मुद्दा नहीं उठाया जा सकता है।

विपक्ष इस मामले को कल फिर से सदन में उठा सकता है।’’
कांग्रेस द्वारा उठाई गई मांगों के बीच विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि महान नेताओं की तस्वीरें लगाने के मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए विधायकों की एक समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिशों के आधार पर ऐसे निर्णय लिये जायेंगे।
इसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले दिन में, कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि सदन में पहले प्रधानमंत्री की तस्वीर फिर से लगाई जाये।
विधानसभा भवन में प्रवेश करने से पहले कांग्रेस विधायकों ने विधानमंडल परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘‘राष्ट्र निर्माता’’ का अपमान करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा था कि वह सदन में संविधान निर्माता की तस्वीर प्रदर्शित करने का स्वागत करती है, लेकिन इसे महात्मा गांधी और नेहरू की तस्वीरों के साथ रखा जा सकता था।
मप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी. सिंह ने मंगलवार को कहा था कि पिछले सत्र के दौरान ही नेहरू की तस्वीर की जगह आंबेडकर की तस्वीर लगाई गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने जुलाई के पिछले सत्र में (नेहरू की) तस्वीर बदलने का निर्देश दिया था क्योंकि यह बहुत पुरानी थी और खराब हो रही थी।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने जुलाई के पिछले सत्र में (नेहरू की) तस्वीर बदलने का निर्देशदिया था क्योंकि यह बहुत पुरानी थी और खराब हो रही थी।’’

सिंह ने कहा था, ‘‘चूंकि, उस समय आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी, विधानसभा अध्यक्ष ने नेहरू के स्थान पर उनकी तस्वीर लगाने का निर्देश दिया और यह भी सुनिश्चित किया कि नेहरू की तस्वीर पुस्तकालय के गांधी-नेहरू खंड में सम्मानजनक तरीके से रखी जाए।

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