एयर इंडिया को अपनी 80 से भी ज्यादा इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ी हैं। एयरलाइन के क्रू-मेंबर्स द्वारा सामूहिक रूप से ‘सिक लीव’ पर जाने की वजह से इन फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा है। इस पर नगर सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एयर इंडिया एक्सप्रेस से रिपोर्ट भी मांगी है। सूत्रों ने उन्हें बताया कि क्रू कर्मचारी वेतन को लेकर नाखुश थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल क्रू मेंबर्स के साथ बातचीत का कोई हल नहीं निकल पाया है।
खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने उड़ानें रद्द करने के संबंध में एयर इंडिया एक्सप्रेस से रिपोर्ट मांगी है और उनसे मुद्दों को तुरंत हल करने को कहा है। साथ ही उन्हें सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA मानदंडों के अनुसार यात्रियों को सुविधाएं सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।
क्यों छुट्टी पर गए कर्मचारी?
कर्मचारियों ने एयरलाइन पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। इस संबंध में कर्मचारियों ने 26 अप्रैल को टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन को पत्र भी लिखा था।
इसमें कर्मचारियों ने लिखा के वित्त मंत्री के आश्वासन के बावजूद कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि उनको मिलने वाले जरूरी भत्ते भी बंद कर दिए गए हैं, जिनसे उनकी सैलरी काफी कम हो गई है।
एयर इंडिया का क्या कहना है?
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने इस मामले में बताया, ‘हम घटनाओं के पीछे के कारणों को समझने के लिए क्रू मेंबर्स से बातचीत कर रहे हैं। यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम करने के लिए हमारी टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। हम इस परेशानी के लिए अपने मेहमानों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं। उड़ान रद्द किए जाने से प्रभावित यात्रियों को पूरा रिफंड या किसी अन्य तारीख के लिए दूसरी फ्लाइट की पेशकश की जाएगी।’