उद्योग/व्यापार

कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग के बाद Vedanta Ltd ने अपने बॉन्डहोल्डर्स का रीपेमेंट किया

माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड ( Vedanta Ltd) ने अपने बॉन्डहोल्डर्स का रीपेमेंट कर दिया है। यह भुगतान बॉन्डहोल्डर्स की सहमतियों के मुताबिक किया गया है। कंपनी की 3.2 अरब डॉलर की तीन बॉन्ड सीरीज की अवधि को आगे बढ़ाने के लिए बॉन्डहोल्डर्स से सहमति मिलने के बाद इसका आंशिक भुगतान किया गया।

31 दिसंबर 2023 के मुताबिक, कंपनी का नेट कर्ज 62,493 करोड़ रुपये है। कंपनी ने जनवरी 2024, अगस्त 2024 और मार्च 2025 में मैच्योर होने वाले अपने कर्ज की हाल में रीस्ट्रक्चरिंग की थी। इस प्रस्ताव को कंपनी के 97 पर्सेंट से भी ज्यादा बॉन्डहोल्डर्स ने सहमति दी थी।

बहरहाल, कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ( Anil Agrawal) को भरोसा है कि कर्ज को मैनेज कर लिया जाएगा। कंपनी ने कर्ज के जरिये 1.3 अरब डॉलर जुटाए हैं और लेनदारों को कर्ज चुकाने के लिए वह डिविडेंड, रॉयल्टी और नॉन-कोर एसेट्स की बिक्री से मिलने वाले कैश पर भरोसा कर रही है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वेदांता के नेट प्रॉफिट 18 पर्सेंट की गिरावट रही। फाइनेंस कॉस्ट बढ़ने से कंपनी के प्रॉफिट में गिरावट देखने को मिली।

बॉरोइंग कॉस्ट बढ़ने से संबंधित अवधि में कंपनी की फाइनेंस कॉस्ट 50 पर्सेंट से भी ज्यादा बढ़कर 2,417 करोड़ रुपये हो गई। माइनिंग कंपनी अपने कैश फ्लो और कर्ज को मैनेज करने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने की कोशिश में जुटी है। इस हफ्ते कंपनी के लेंडर ओसीएम वर्दे Xi इनवेस्टमेंट्स (OCM Verde Xi Investments) ने कंपनी के गिरवी रखे गए शेयरों की बिक्री पर लगी रोक हटा दी थी। इससे प्रमोटर्स 63.7 पर्सेंट गिरवी रखे गए शेयरों को बेच सकेंगे।

माइनिंग कंपनी अपनी नॉन-कोर एसेट्स बेचने की भी तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, आयरन ओर माइंस और स्टील प्लांट की बिक्री के जरिेय कंपनी अपना कर्ज चुकाने की तैयारी में है। इसके अलावा, कंपनी अपने बिजनेस को भी 6 अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटेगी।

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