विधानसभा क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत बडग्रां में 80 साल से ऊपर दो बुजुर्गों ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए अपना वोट नहीं डाला है। भरमौर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर जब इलेक्शन कमीशन की टीम घर पर जाकर वोट डलवाने के लिए पहुंची तो वहां पर इन बुजुर्ग वोटरों ने पंचायत की राय का हवाला देकर वोट डालने के बहिष्कार का ऐलान करते हुए वोट डालने से मना कर दिया। जानकारी के अनुसार गुफी देवी पत्नी मेहतू राम व सोधा नई पंचायत की राय से सहमति करते हुए चुनाव का बहिष्कार कर दिया गया है। बता दें कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र कंगना रनौत के संसदीय क्षेत्र मंडी में आता है।
स्थानीय पंचायत ने क्यों किया था चुनाव के बहिष्कार का ऐलान
गौरतलब है भरमौर की ग्राम पंचायत बड़ग्रां में स्थानीय पंचायत वासियों ने पिछले कई दिनों से सड़क व पलानी पुल का निर्माण न होने को लेकर लोगों से चुनाव के बहिष्कार करने का ऐलान किया था। इसको लेकर उन्होंने बाकायदा प्रशासन व संबंधित विभाग को भी अवगत करवा दिया था। इसके बाद विभाग ने यहां पर चार ट्रक पुल के लिए बनाए गए सामान को पलानी नाले में भी फेंका था। हालांकि उस वक्त लोगों को उम्मीद जगी थी कि शायद इस पुल का काम अब शुरू हो जाएगा। लेकिन करीब एक महीना भी जाने के बाद भी मात्र यहां पर कुछ गाड़ियां पुल के सामान की फेंकने पर काम शुरू न होने को लेकर लोगों ने एक बार फिर अनदेखी का आरोप प्रशासन और विभाग पर लगाया है।
बुजुर्गों ने ये हवाला देते हुए किया चुनाव का बहिष्कार
लोगों का कहना है कि विभाग में स्थानीय लोगों के मुंह को बंद करने के लिए इस तरह का काम किया गया है। लिहाजा लोगों ने पंचायत में एक बार फिर से निर्णय किया है कि आने वाले 1 जून को यहां पर होने वाले लोकसभा के चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। इसी कड़ी में जब मंगलवार को इलेक्शन कमीशन की टीम सीनियर सिटीजन व दिव्यांगों के वोट घर पर डालने के लिए वहां पहुंची तो यहां पर दो बुजुर्गों ने अपना वोट देने से साफ मना कर दिया। उन्होंने पंचायत का हवाला देते हुए कहा कि सड़क व पुलिस न होने को लेकर पंचायत की राय है कि इस बार के होने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।
रिपोर्ट- सुभाष महाजन
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