निफ्टी मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स 30 अप्रैल को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। यह इंडेक्स पहली बार 13,000 प्वाइंट्स को पार कर गया। पिछले दो साल में सरकारी कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ने से मजबूत ऑर्डर फ्लो देखने को मिला है। ऑटोमोबाइल सेक्टर की परफॉर्मेंस बेहतर रहने से भी इंडेक्स को सहारा मिला। मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में सबसे ज्यादा वेटेज ऑटोमोबाइल सेक्टर का है।
शेयर बाजार में 30 अप्रैल को कारोबार के दौरान निफ्टी मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स 13,800 पर पहुंच गया। पिछले 5 कारोबारी सेशन में यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। पिछले 12 महीनों में मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में 57 पर्सेंट की बढ़त हुई है जबकि जनवरी से अब तक इसमें 18 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है। इस दौरान इस इंडेक्स की परफॉर्मेंस निफ्टी से भी बेहतर रही है। निफ्टी ने जनवरी से अब तक 4.5 पर्सेंट का रिटर्न दिया है।
इनक्रेड कैपिटल (Incred Capital) के वाइस प्रेसिडेंट गौरव बिस्सा ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में 12,700 से ऊपर फ्रेश ब्रेकआउट देखने को मिला है और आने वाले दिनों में यह 13,150 पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा, ‘निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स के डेली चार्ट के तेजी का ट्रेंड है। इसमें अपर बैंड रेजिस्टेंस लेवल 13,150-13,200 है।’
मार्च 2024 तक के NSE डेटा के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में ऑटमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स की 31.14 पर्सेंट हिस्सेदारी है। इसके अलावा, कैपिटल गुड्स सेक्टर का योगदान 20.33 पर्सेंट है, जबकि हेल्थकेयर की हिस्सेदारी 15.08 पर्सेंट है। ऑयल, गैस और कंज्यूमेबल फ्यूल का वेटेज 9 पर्सेंट है। ऑटो शेयरों में रफ्तार बनी हुई है। मारुति सुजुकी का स्टॉक पिछले 12 महीनों में 49 पर्सेंट तक बढ़ गया है, जबकि टाटा मोटर्स में 111 पर्सेंट की बढ़त देखने को मिली है।