राजनीति

ऐसे महान इंसान को मिलकर पद्मश्री भी धन्य हो गया… PM मोदी से मिलकर भावुक हुए राजन्ना; जानें क्या बोले

ks rajanna- India TV Hindi

Image Source : PTI
राजन्ना अवॉर्ड लेने से पहले पीएम मोदी और अमित शाह का अभिवादन करने गए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पोलियो के कारण अपने दोनों हाथ और पैर खो चुके दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. केएस राजन्ना को गुरुवार को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया। सम्मान मिलने के बाद राजन्ना ने कहा कि दिव्यांगों को भी मौका दिया जाना चाहिए और उन्हें कमजोर नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा, ”पदमश्री अवार्ड के समय प्रधानमंत्री मोदी रजन्ना जी कह कर बुलाए। बहुत खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नही दिव्यांग कहता है। इससे अब सम्मान महसूस होता है।”

राजन्ना सम्मान लेने के लिए जाते समय पीएम मोदी और शाह का अभिवादन करने भी गए। पीएम मोदी का हाथ थामे राजन्ना कुछ कहते भी दिखे। चंद सेकेंड की यह मुलाकात देखने वाले लोगों को भावुक कर रही है। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जब राजन्ना राष्ट्रपति के आसन की तरफ बढ़े तब वहां भी उन्होंने शीश नवाकर मंच को प्रणाम किया। मंच पर राजन्ना ने अपनी ललाट झुकाई और मंच को प्रणाम किया। जब राजन्ना को सम्मानित किया गया तो समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति और अतिथि लगातार तालियां बजाते रहे।

‘खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नहीं, दिव्यांग कहता है’

केएस राजन्ना का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने दिव्यांगों को मौका देने की वकालत की। उन्होंने बताया, ”पद्मश्री अवार्ड के समय प्रधानमंत्री मोदी रजन्ना जी कह कर बुलाए। बहुत खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नहीं, दिव्यांग कहता है जिससे सम्मान महसूस होता है।” राजन्ना ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से भी दिव्यांग को अवसर देने की बात कही है।

ks rajanna

Image Source : PTI

पद्मश्री से नवाजे गए केएस राजन्ना

कौन हैं पद्मश्री पाने वाले राजन्ना?

बता दें कि राजन्ना ने अपनी पूरी जिंदगी दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए समर्पित कर दी और उनके इसी सेवाभाव के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया है। उनके सेवाभाव को देखते हुए ही 2013 में कर्नाटक सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य आयुक्त नियुक्त किया था। बचपन में ही अपने दोनों हाथ और पैर खो चुके कर्नाटक के दिव्यांग व्यक्ति के एस राजन्ना को जब पद्मश्री से सम्मानित किया गया तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

केएस राजन्ना ने बचपन में पोलियो के कारण अपने हाथ और पैर खो दिए। उन्होंने घुटनों के बल चलना सीख लिया। उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को प्रेरणा बनाया और खुद को किसी से कम नहीं मानते हुए दिव्यांगजनों के लिए काम करने का फैसला किया। समाज सेवा से जुड़ने के बाद उन्होंने लगातार काम किया और 2013 में कर्नाटक सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य आयुक्त बना दिया। कर्नाटक के बेंगलुरु के रहने वाले राजन्ना को तीन साल के लिए यह पद दिया गया था, लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें हटा दिया गया। कुछ समय बाद उन्हें फिर से पद दे दिया गया।

देखें वीडियो-

बता दें कि इस साल 26 जनवरी को घोषित पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वालों की सूची में अपना नाम आने के बाद राजन्ना ने कहा था, ”यह पुरस्कार मेरे लिए चीनी खाने जितना मीठा है लेकिन यह सिर्फ एक पुरस्कार बनकर नहीं रहना चाहिए बल्कि इससे मुझे अपने सामाजिक कार्यों में और मदद मिलेगी। हम सिर्फ सहानुभूति नहीं चाहते, बल्कि अपने अधिकारों का प्रयोग करने का अवसर भी चाहते हैं।”

राजन्ना के हौसले की तारीफ कर रहे लोग

केएस राजन्ना को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग उनके हौसले की खूब तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि आज पद्मश्री पुरस्कार भी धन्य हो गया ऐसे महान इंसान को मिलकर… यह होता है असली सम्मान! भावुक कर दिया इस वीडियो ने। एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह इस व्यक्ति का सम्मान नहीं है बल्कि यह पद्मश्री पुरस्कार का सम्मान है। यह एक वास्तविक सम्मान है।

Latest India News

Source link

Most Popular

To Top