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एमपॉक्स से निपटने में अफ़्रीका को समर्थन, स्वीडन में भी पहला मामला

एमपॉक्स से निपटने में अफ़्रीका को समर्थन, स्वीडन में भी पहला मामला

ग़ौरतलब है कि एमपॉक्स अब अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली वैश्विक स्वास्थ्य आपदा है.

एमपॉक्स संक्रमण के पहले मामले काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में दर्ज किए गए थे, और वहाँ से वो पड़ोसी देशों में भी फैल गए. अब यह संक्रामक बीमारी लगातार बढ़ रही है.

स्वीडन अफ़्रीका से बाहर पहला ऐसा देश बन गया है जहाँ एमपॉक्स के क्लेड रूप के संक्रमण का मामला दर्ज किया गया है.

एमपॉक्स संक्रमण का मौजूदा फैलाव क्लेड-1 नामक वायरस के कारण ही हो रहा है.

अफ़्रीका के लिए WHO की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर मैत्शीदीसो मोएती का कहना है कि संगठन, इस संक्रामक बीमारी पर क़ाबू पाने के प्रयासों में अग्रिम मोर्चे पर समर्थन देने के लिए काम कर रहा है. 

इसमें देशों व समुदायों के साथ निकट सहयोग शामिल है.

वायरल बीमारी, वैश्विक चिन्ता

एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, यह एक संक्रामक बीमारी है जो किसी संक्रमित व्यक्ति, जानवर या दूषित वस्तु या सामग्री के सम्पर्क में आने से फैल सकती है.

एमपॉक्स सबसे पहले 1970 में काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में दर्ज की गई थी, और मध्य व पश्चिमी अफ़्रीकी देशों में देशों के स्तर की एक महामारी समझी जाती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार (14 अगस्त) को इसे अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा (PHEIC) घोषित किया है.

अभी तक इस संक्रामक बीमारी के 2,100 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनकी पुष्टि प्रयोगशालाओं में परीक्षण के बाद की गई है. इनमें 13 लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं. 

ये मामले मुख्य रूप से डीआरसी व 11 अन्य देशों में पाए गए हैं, जिनके नाम हैं – बुरूंडी, कैमेरून, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, काँगो, केनया, लाइबेरिया, नाइजीरिया, रवांडा, दक्षिण अफ़्रीका और यूगांडा शामिल हैं.

वर्ष 2023 में पुष्ट मामलों की संख्या 1,145 थी, जिनमें सात लोगों की मौतें हुई थीं, और संक्रमण की पुष्टि 11 देशों में हुई थी.

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