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एमपॉक्स: इस नई स्वास्थ्य आपदा के बारे में कुछ अहम जानकारी

एमपॉक्स: इस नई स्वास्थ्य आपदा के बारे में कुछ अहम जानकारी

अफ़्रीका में एमपॉक्स के वायरस के तेज़ फैलाव को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे हाल ही में अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा घोषित किया है.

मगर एमपॉक्स क्या है, यह मूल रूप से कहाँ से फैली और दुनिया इस ख़तरे का मुक़ाबला किस तरह कर सकती है. एमपॉक्स के फैलाव ने कोविड-19 और एचआईवी संक्रमण के शुरुआती दिनों जैसा डर भी उत्पन्न कर दिया है, हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के योरोप में क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर हैंस क्लूगे ने, मंगलवार (20 अगस्त) को इन चिन्ताओं को ख़ारिज कर दिया है. एमपॉक्स के बारे में कुछ अहम जानकारी…

मंकीपॉक्स के निशान, अक्सर हथेलियों पर नज़र आते हैं.

एमपॉक्स क्या है?

एमपॉक्स को अतीत में एमपॉक्स के नाम से जाना जाता था. इसे यह नाम 1958 में मिला, जब प्रयोगशाला के कई बन्दरों में इस वायरस के होने की पुष्टि हुई.

यह एक जूनोटिक वायरल रोग है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है और इनसान से इनसान में भी इसका प्रसार हो सकता है.

मानव एमपॉक्स की पहचान पहली बार 1970 में काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में एक नौ महीने के लड़के में हुई थी, वो भी एक ऐसे क्षेत्र में जहाँ 1968 में चेचक (smallpox- एक नज़दीकी श्रेणी) को समाप्त कर दिया गया था.

एमपॉक्स कुछ साल पहले मध्य और पश्चिम अफ़्रीका में एक स्थानीय बीमारी थी मगर वर्ष 2022 में इसने एक वैश्विक संक्रमण फैलाव उत्पन्न कर दिया. आख़िरकार WHO को एमपॉक्स को जुलाई में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा घोषित करना पड़ा.

वर्ष 2022 के बाद, विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मंकीपक्स को एमपॉक्स का नाम दिया गया.

एमपॉक्स के रोगियों में पहले देखे गए लक्षण चेचक के समान लक्षण जैसे हैं, लेकिन यह चिकित्सकीय रूप से कम गम्भीर है (1980 में दुनिया भर में चेचक को ख़त्म कर दिया गया था). 2003 में, अफ़्रीका के बाहर एमपॉक्स का पहला मामला, अमेरिका में दर्ज किया गया था और इसे संक्रमित पालतू प्रैरी कुत्तों के सम्पर्क से जोड़ा गया था.

हालाँकि इसका नाम एमपॉक्स है, लेकिन कृंतक जैसे गैम्बियन विशाल चूहे या पेड़ों की गिलहरी जैसे अधिकांश जानवर इससे संक्रमित हो सकते हैं, और फिर ये आगे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं.

मंकीपॉक्स एक दुर्लभ मगर ख़तरनाक संक्रमण है जो ख़सरा (छोटी चेचक) की तरह होता है. ख़सरा को अब पूरी तरह ख़त्म किया जा चुका है.

© CDC/Cynthia S. Goldsmith, Russell Regnery

यह आमतौर पर कहाँ पाया जाता है?

एमपॉक्स सबसे अधिक मध्य और पश्चिमी अफ़्रीका के वर्षा वनों में पाया जाता है, और वह जानवर, जिनमें ये वायरस हो सकता है, वे यहाँ के मूल निवासी हैं, व यह रोग स्थानिक है. इन देशों में यह बीमारी, तेज़ी से शहरी क्षेत्रों में देखी जा रही है.

कभी-कभी, यह उन लोगों में भी पाया जा सकता है, जो इन देशों का दौरा करने के बाद संक्रमित हुए हों.

इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?

लक्षणों में आमतौर पर बुख़ार, तेज़ सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, शरीर में ऊर्जा की कमी, सूजी हुई गाँठें और त्वचा पर चकत्ते या घाव शामिल हैं.

त्वचा पर ये दाने और चकत्ते, आमतौर पर बुख़ार की शुरुआत के पहले या तीसरे दिन होते हैं. ये घाव चपटे या थोड़े उभरे हुए हो सकते हैं, जिनमें साफ़ या पीले रंग का तरल पदार्थ भरा होता है, फिर सूखकर इनकी पपड़ी बनकर गिर जाती है.

घावों की संख्या भिन्न हो सकती है, कुछ से लेकर कई हज़ार तक. शुरुआत में दाने ज़्यादातर चेहरे, हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों पर दिखाई देते हैं. वे मुँह, गुप्तांगों और आँखों में भी हो सकते हैं.

क्या एमपॉक्स से लोगों की जान जा सकती है?

ज़्यादातर मामलों में, एमपॉक्स के लक्षण कुछ सप्ताहों के भीतर अपने आप दूर हो जाते हैं, लेकिन जिन देशों में यह बमारी स्थानिक है, वहाँ सामने आए तीन से छह प्रतिशत मामलों में, यह चिकित्सीय जटिलताओं और यहाँ तक कि मृत्यु का कारण बन सकती है.

नवजात शिशुओं, बच्चों और प्रतिरोधक क्षमता की कमी वाले लोगों को इस बीमारी से अधिक गम्भीर लक्षणों और मृत्यु का ख़तरा हो सकता है.

गम्भीर मामलों में, लक्षणों में त्वचा में संक्रमण, निमोनिया, भ्रम और आँखों में संक्रमण शामिल हैं, जो दृष्टि हानि का कारण बन सकते हैं. कई जानलेवा मामले, बच्चों या ऐसे लोगों में होते हैं जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं.

एमपॉक्स का संक्रमण जानवरों से इनसानों में कैसे फैलता है?

कृंतक और नर वानर (प्राइममेट) जैसे संक्रमित जानवरों के साथ शारीरिक सम्पर्क में आने पर यह वायरस लोगों में फैल सकता है.

जंगली जानवरों, विशेष रूप से बीमार या मृत (उनकी त्वचा, माँस और रक्त के सम्पर्क) के साथ असुरक्षित सम्पर्क से बचकर, इसे जानवरों से मनुष्य में फैलने का जोखिम कम किया जा सकता है.

यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि भोजन के लिए माँस या जानवरों के अंगों को ठीक से उबाला और पकाया जाए, विशेषकर उन देशों में, जहाँ एमपॉक्स स्थानिक है.

यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है?

एमपॉक्स के फैलाव ने कोविड-19 और एचआईवी संक्रमण के शुरुआती दिनों जैसा डर भी उत्पन्न कर दिया है, हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के योरोप में क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर हैंस क्लूगे ने, मंगलवार (20 अगस्त) को इन चिन्ताओं को ख़ारिज कर दिया है. एमपॉक्स के बारे में कुछ अहम जानकारी…

यह वायरस किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक सम्पर्क में आने से फैलता है, जिसमें इस बीमारी के लक्षण होते हैं. चकत्ते, शरीर के तरल पदार्थ (जैसे तरल पदार्थ, मवाद, या त्वचा के घावों से रक्त), और पपड़ी विशेष रूप से संक्रामक हैं.

अल्सर या त्वचा पर घाव भी संक्रामक हो सकते हैं क्योंकि इसमें थूक के माध्यम से वायरस फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाली वस्तुओं के सम्पर्क में आने से- जैसे कपड़े, बिस्तर, तौलिये – या खाने के बर्तन जैसी वस्तुएँ भी संक्रमण का कारण बन सकती हैं.

जिन लोगों को यह बीमारी है वे तब अधिक संक्रामक होते हैं जब उनमें लक्षण दिखते हैं (आमतौर पर पहले दो से चार सप्ताह के भीतर). यह स्पष्ट नहीं है कि जो लोग लक्षणहीन होते हैं वे बीमारी को फैला सकते हैं या नहीं.

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में एमपॉक्स के सबसे पुराने और अधिक मामले देखे गए हैं.

इससे संक्रमित होने का जोखिम किसे है?

किसी भी व्यक्ति के, लक्षण वाले व्यक्ति या संक्रमित जानवर के साथ शारीरिक सम्पर्क में आने पर, उसे संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाता है. जो लोग संक्रमित लोगों के साथ रहते हैं उनमें संक्रमण का ख़तरा अधिक होता है. स्वास्थ्य कर्मचारी, अपने कामकाज की प्रवृत्ति के कारण ज़्यादा जोखिम में हैं.

किशोरों और युवाओं की तुलना में, बच्चों में अक्सर गम्भीर लक्षण होने की अधिक सम्भावना होती है. यह वायरस, गर्भवती महिला के गर्भ में प्लेसेंटा के माध्यम से उसके अजन्मे बच्चे में,  या बच्चे के संक्रमित माता-पिता के सम्पर्क में आने से, प्रसव के दौरान या बाद में, और त्वचा से त्वचा के सम्पर्क के ज़रिए भी फैल सकता है.

ख़ुद और अन्य की सुरक्षा कैसे की जा सकती है?

उन लोगों के साथ सम्पर्क सीमित करके संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है, जिन्हें यह बीमारी होने का सन्देह हो, या रोग की पुष्टि हो चुकी हो.

संक्रमित लोगों के साथ रहने वालों को, संक्रमित व्यक्ति को अलग-थलग रहने व सामाजिक दूरी बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और यदि सम्भव हो तो, छिली हुई  त्वचा को ढक कर रखना चाहिए (उदाहरण के तौर पर, छाले या संक्रमित दाने के ऊपर कपड़े पहनकर).

संक्रमित व्यक्ति के क़रीब होने पर फ़ेस मास्क पहनना महत्वपूर्ण है, ख़ासतौर पर अगर उन्हें खाँसी हो या मुँह में छाले हों, या फिर संक्रमित व्यक्ति के कपड़े या बिस्तर को छूते समय. एक बार प्रयोग करने के बाद फेंक दिए जाने वाले दस्ताने पहनें, ताकि त्वचा से त्वचा के सम्पर्क से बच सकें.

अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएँ या अल्कोहोल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें, विशेष रूप से संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने के बाद, उनके कपड़ों (चादरों और तौलियों सहित), या अन्य वस्तुओं या सतहों (जैसे बर्तन या भोजन) को छूने के बाद.

सभी दूषित सतहों को साफ़ और कीटाणु रहित करें व दूषित कचरे (जैसे ड्रैसिंग) का उचित निपटान करें, और संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिये, चादरें और खाने के बर्तनों को गर्म पानी और डिटर्जेंट से धोएँ.

संक्रमित होने का सन्देह होने पर क्या करना चाहिए?

यदि आपको लगता है कि आपके लक्षण एमपॉक्स से सम्बन्धित हो सकते हैं, या आप किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आए हों जिसमें ये लक्षण हैं, या फिर आपको संशय हो कि आपको संक्रमित होने की सम्भावना है, तो तुरन्त अपने चिकित्सक को सूचित करें.

हो सके तो ख़ुद को एकान्तवास में रखें और अन्य लोगों के साथ नज़दीकी सम्पर्क से बचें. अपने हाथों को बार-बार धोएँ और दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए ऊपर दिए गए चरणों का पालन करें. साथ ही, आपके डॉक्टर, या अन्य स्वास्थ्य पेशेवर को परीक्षण के लिए नमूना लेना चाहिए ताकि आपको सही देखभाल मिल सके.

लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक रहते हैं और बिना उपचार के अपने आप चले जाते हैं.

एमपॉक्स वैक्सीन की एक ख़ुराक भी असरदार साबित होती है.

क्या इस बीमारी के लिए कोई टीका उपलब्ध है?

चेचक की रोकथाम के लिए कई टीके विकसित किए गए हैं, जो कुछ सुरक्षा प्रदान करते हैं.

चेचक का एक टीका एमपॉक्स की रोकथाम में उपयोग के लिए  2019 में विकसित किया गया था और मंज़ूरी भी दी गई थी, लेकिन यह अभी तक व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है. इस टीके का नाम MVA-BN है जिसे Imvamune, Imvanex, या Jynneos के रूप में भी जाना जाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO ने किसी अन्य वैक्सीन की अनुपस्थिति में, MVA-BN या LC16 वैक्सीन या फिर ACAM2000 वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफ़ारिश की है. ये वैक्सीन मूल रूप से चेचक बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए विकसित की गई थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), वैक्सीन के निर्माता के साथ मिलकर इसकी पहुँच बेहतर बनाने में जुटा है. जिन लोगों को पहले चेचक का टीका लग चुका है, उन्हें भी कुछ सुरक्षा रहेगी.

क्या इस बीमारी का कोई इलाज है?

ज़्यादातर लक्षण, बिना उपचार के अपने आप चले जाते हैं. यदि सम्भव हो तो इसे सूखने दें या उस हिस्से का ध्यान रखें. महत्वपूर्ण है कि अगर हो सके तो इसे एक नम पट्टी से ढककर इसकी देखभाल करें.

आँखों या मुँह के छालों को छूने से बचें. जब तक आपकी दवा में कोर्टिसोन नहीं है, तब तक माउथवॉश और आई ड्रॉप का उपयोग किया जा सकता है.

गम्भीर मामलों के लिए, एक एंटीवायरल एजेंट जिसे टेकोविरिमैट (tecovirimat) के रूप में जाना जाता है, और जिसे चेचक के इलाज के लिए बनाया गया था, पशु व मानव अध्ययनों के आँकड़ों के आधार पर 2022 में इसे एमपॉक्स के लिए यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने लाइसेंस दिया है. यह अभी तक व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है.

स्वास्थ्य आपदाओं के बारे में WHO की नवीनतम जानकारी यहाँ प्राप्त की जा सकती है.

व्यापक साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता रखने से भी एमपॉक्स के संक्रमण को रोकने में सफलता मिलने की बात कही गई है.

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