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एचडीएफसी बैंक के नतीजे पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए बुरे नहीं, इस गिरावट में मिल रहा सबसे बेहतर दांव खेलने का मौका

Banking stocks : पिछले दो दिनों में एचडीएफसी बैंक के शेयरों में आई भारी गिरावट के कारण दूसरे बैंक शेयरों पर असर पड़ा है। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को इस गिरावट का इस्तेमाल कुछ अच्छी गुणवत्ता वाले बैंकिंग शेयरों में खरीदारी करने के लिए करना चाहिए। उनका कहना है कि ऐसे बैंकों पर ही दांव लगाएं जो मार्जिन पर दबाव और धीमी डिपॉजिट ग्रोथ जैसी उभरती चुनौतियों को झेल सकते हैं। इस हफ्ते आए एचडीएफसी बैंक के तीसरी तिमाही के स्कोरकार्ड से पता चलता है कि मार्जिन में दबाव और सुस्त डिपॉजिट ग्रोथ से पूरे बैंकिंग सेक्टर को निकट अवधि में दर्द दे सकता है। इसके बाद निवेशकों ने फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों में मुनाफावसूली की।

बैंक निफ्टी इंडेक्स में लगभग 40 प्रतिशत फीसदी वेटेज रखने वाला एचडीएफसी बैंक दो दिनों में 11 प्रतिशत से ज्यादा गिरकर 1,486 रुपये प्रति शेयर पर आ गया। इसके साथ ही आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक जैसे बैंकिंग शेयरों पर भी दबाव बना और वे 2-4 प्रतिशत नीचे चले गए। इसी अवधि में बैंक निफ्टी 5 प्रतिशत और निफ्टी 50 इंडेक्स 2 फीसदी फिसल गये।

शेयरखान राहुल मालानी का कहना है कि एचडीएफसी बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजे बैंकिंग सेक्टर के लिए कुछ उभरती परेशानियों का संकेत देते दिखे हैं। मार्जिन में गिरावट और डिपॉजिट ग्रोथ में सुस्ती शॉर्ट टर्म में फाइनेंशियल शेयरों को परेशान कर सकती हैं। लेकिन ये परेशानियां अस्थायी हैं।

उन्होंने आगे कहा, “हम उन बैंकों पर ‘ओवरवेट’ हैं जो उभरती प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन बनाए रख सकते हैं। हम आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ इंडिया पर बुलिश हैं।”

स्मॉलकेस मैनेजर और वैल्यू स्टॉक्स के फाउंडर शैलेश सराफ ने कहा कि जरूरी नहीं कि है कि एचडीएफसी बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजे पूरे फाइनेंशियल सेक्टर के लिए खराब हों। उन्होंने कहा, “हम अभी भी फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि इसे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा पिछले महीने 1,600 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदने से सपोर्ट मिला है।”

पीएसयू बैंक स्टॉक्स पर भी डालें नजर, हेल्दी कैपिटल और सस्ते वैल्यूएशन के साथ लग रहे अच्छे

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि निजी बैंकों की तुलना में अपेक्षाकृत कम एलडीआर को देखते हुए पीएसयू बैंकों में अभी भी ग्रोथ की गुंजाइश है। इसके अलावा, पीएसयू बैंक के शेयर निजी बैंकों के मुकाबले डिस्काउंट पर और प्राइस-टू-बुक वैल्यू के अपने ऐतिहासिक औसत के करीब कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में ये इस समय काफी अच्छे भाव में मिल रहे हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि पीएसयू बैंकिंग इंडेक्स निजी बैंको के 14x पीई मल्टीपल के औसत के मुकाबले 10 गुना (x) प्राइस-टू-अर्निंग (पीई) रेशियो पर कारोबार कर रहा है। सबसे बड़ा पीएसयू बैंक स्टॉक SBI 8x पीई रेशियो पर कारोबार कर रहा है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक 19x पीई गुणक पर कारोबार कर रहा है।

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वैल्यू स्टॉक्स के सराफ की भी मानना है कि सरकारी बैंकिंग शेयरों में निवेश करना चाहिए। उनका मानना है कि सरकारी बैंकों मुनाफे में कारोबार कर रहे हैं और अच्छे भाव पर भी मिल रहे हैं, इन पर दांव लगाना चाहिए। उन्होंने कहा, “पीएसबी ने बाजार से पूंजी जुटाई है और अपने पूंजीकरण स्तर को बढ़ाया है, जिससे इनके बैलेंस शीट में हेल्दी ग्रोथ देखने को मिलेगी।”

गौरतलब है कि पिछले एक साल में निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने 37 फीसदी से ज्यादा की छलांग लगाई है, जबकि निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स ने सिर्फ 15 फीसदी रिटर्न दिया है।

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