उत्तर प्रदेश में सियासी बिसात जबरदस्त तरीके से देखने को मिल रही है। कुछ समय पहले तक खामोश रही बहुजन समाज पार्टी अपनी ताकत दिखाने की शुरुआत कर चुकी है। उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में मायावती ने अकेले मैदान में उतरने का फैसला लिया है। बड़ा सवाल यही है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पर सिमटने वाली बसपा लोकसभा चुनाव में क्या कमाल कर पाएगी। लेकिन जिस तरीके से मायावती टिकटों का बंटवारा कर रही हैं, उससे इस बात का संकेत साफ तौर पर हो रहा है कि बसपा खुद को कमजोर नहीं मानती। इतना ही नहीं, कई सीटों पर मायावती समाजवादी पार्टी का खेल बिगाड़ती नजर भी आ रही हैं। साथ ही साथ 2007 में जिस सोशल इंजीनियरिंग के सहारे मायावती ने उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल की थी, ठीक उनकी ओर से वैसा ही कुछ इस बार करने की कोशिश की जा रही है।
मायावती का पूरा फोकस दलित, मुस्लिम और ब्राह्मणों पर दिखाई दे रहा है। मायावती की पार्टी की ओर से तीन अलग-अलग सूची जारी की गई है। बुधवार को 12 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है। इससे पहले 16 प्रत्याशियों की पहली और नौ उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी पार्टी की ओर से जारी की गई थी। बसपा की ओर से सभी सीटों पर नए चेहरे पर दांव लगाया गया है। 2019 में चुनाव जीतने वाले 10 सांसदों में से सिर्फ गिरीश चंद्र जाटव को ही टिकट दिया गया है। उनकी सीट बदल दी गई है। इस बार नगीना की बजाय बुलंदशहर से उन्हें उतर गया है। तीसरी लिस्ट की 12 प्रत्याशियों में तीन ब्राह्मण, तीन दलित, दो मुस्लिम, एक ठाकुर और एक खत्री के अलावा दो ओबीसी हैं। जबकि पहले जो 25 प्रत्याशियों की सूची जारी की गई थी उसमें आठ सवर्ण, 7 मुस्लिम, 7 अनुसूचित जाति और दो ओबीसी को मैदान में उतर गया था।
पार्टी की ओर से ठीक इसी तरीके की रणनीति 2007 में दिखाई गई थी। मायावती की ओर से 2024 की चुनावी लड़ाई में ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम का फार्मूला बनाया गया है। पार्टी की ओर से इन्हीं तीन जातियों को महत्व भी दिया जा रहा है। दलित और मुस्लिम समुदाय से 10-10 उम्मीदवारों को अब तक टिकट दिया जा चुके हैं जबकि ब्राह्मण समुदाय से 8 प्रत्याशी उतारे गए हैं। इस सूची में पांच ठाकुर प्रत्याशी भी है। दिलचस्प बात यह भी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने एक भी ठाकुर प्रत्याशी नहीं दिया है। लेकिन बसपा ने तीन पर भरोसा जताया है। बसपा की ओर से मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, कन्नौज, लखनऊ, रामपुर, सहारनपुर जैसी सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे गए हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं इन सीटों पर समाजवादी पार्टी का खेल बिगाड़ सकता है।