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ईरान में क़ैद तीन महिला पत्रकार, यूनेस्को प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार से सम्मानित

इन तीन ईरानी महिला पत्रकारों – नीलूफ़र हमेदी, एलाहेह मोहम्मदी और नरगिस मोहम्मदी को, वर्ष 2023 के UNESCO/गिलेर्मो कैनो विश्व प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार के लिए ऐसे समय में चुना गया है, जब महिला पत्रकार, लगातार ख़तरों का सामना कर रही हैं.

संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी – UNESCO की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने कहा है कि आज के समय में, उन सभी महिला पत्रकारों को सम्मानित करना अति महत्वपूर्ण है, जिन्हें अपना काम करने से रोका जा रहा है और जो अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा पर जोखिमों व हमलों का सामना करती हैं.

उन्होंने कहा, “हम आज, सत्य और ज़िम्मेदारी के प्रति उनके समर्पण का सम्मान कर रहे हैं.”

भारी क़ीमत

मीडिया विशेषज्ञों के एक अन्तरराष्ट्रीय पैनल की सिफ़ारिश पर, इन तीन महिला पत्रकारों इस पुरस्कार के लिए चुना गया है.

इस पैनल की अध्यक्ष ज़ैनब सल्बी ने कहा, “हम ईरानी महिला पत्रकारों के साहसिक काम को सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनकी पत्रकारिता ने, महिलाओं के नेतृत्व वाली एक ऐतिहासिक क्रान्ति का मार्ग प्रशस्त किया.”

“इन महिला पत्रकारों ने सच को बयान करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए एक बड़ी क़ीमत चुकाई है. और उसके लिए, हम उन्हें सम्मानित करने और ये सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं कि उनकी आवाज़ दुनिया भर में तब तक गूंजती रहे, जब तक कि वो सुरक्षित और स्वतंत्र न हो जाएँ.

नीलूफ़र हमेदी एक प्रमुख सुधारवादी अख़बार शार्ग़ के लिए पत्रकारिता करती हैं. उन्होंने ही सबसे पहले महसा अमीनी की मौत की ख़बर दाख़िल की थी. ग़ौरतलब है कि पुलिस ने महसा अमीनी को ‘सही तरह से हिजाब नहीं पहनने’ के आरोप में गिरफ़्तार किया था, और गिरफ़्तारी के तीन दिन बाद ही, 16 सितम्बर को पुलिस हिरासत में, महसा अमीनी की मौत हो गई थी.

उसके बाद से ही, नीलूफ़र को राजधानी तेहरान की कुख्यात एविन जेल में एकान्त कारावास में क़ैद रखा गया है, यानि वो सितम्बर 2022 से ही जैल में बन्द हैं.

एलाहेह मोहम्मदी, सुधारवादी अख़बार हाम-मिहान के लिए सामाजिक मुद्दों और लैंगिक समानता पर लेख लिखती हैं. उन्होंने महसा अमीनी के अन्तिम संस्कार पर रिपोर्टिंग की थी और इस वजह से उन्हें भी सितम्बर 2022 से एविन जेल में बन्द रखा गया है. एलाहे मोहम्मदी को, इससे पहले भी, उनकी पत्रकारिता के कारण, वर्ष 2020 में एक साल के लिए रिपोर्टिंग करने से रोक दिया गया था.

नीलूफ़र हमीदी और एलाहेह मोहम्मदी दोनों ही, कैनेडा के एक पत्रकार संगठन -CJFE द्वारा दिए जाने वाले 2023 के अन्तरराष्ट्रीय प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार और 2023 के ‘पत्रकारिता में अन्तःकरण व निष्ठा के लिए लुइस एम. लॉयंस पुरस्कार’  (Lyons Award for Conscience and Integrity in Journalism) से सम्मानित किया गया है.

ये दोनों पुरस्कार अमेरिका में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रदान करती है. इसके अलावा, इन दोनों महिला पत्रकारों को, टाइम पत्रिका के, वर्ष 2023 के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में भी शामिल किया गया है.

नरगिस मोहम्मदी, एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों के लिए काम किया है और तेहरान स्थित एक सिविल सोसायटी संगठन – मानवाधिकार रक्षक केन्द्र (DHRC) में एक लेखिका और उप-निदेशक के पद पर भी हैं. नरगिस इस समय एविन जेल में 16 साल की सज़ा काटने के लिए क़ैद हैं.

नरगिस मोहम्मदी जेल में रहकर भी, प्रिंट पत्रकारिता माध्यमों के लिए लिखती रही हैं. उन्होंने अन्य महिला क़ैदियों के साथ भी इंटरव्यू किए हैं, जिन्हें उनकी पुस्तक “श्वेत उत्पीड़न” (White Torture) में, शामिल किया गया है. वर्ष 2022 में, उन्हें रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के साहस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

प्रैस स्वतंत्रता की सुनिश्चितता

संयुक्त राष्ट्र का सांस्कृतिक संगठन (UNESCO), विश्व स्तर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी की अगुवाई करता है.

विश्व भर में महिला पत्रकारों को वास्तविक जीवन में और ऑनलाइन मंचों पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. इनमें लांछन लगाना, महिला विरोधी अभद्र भाषा का प्रयोग, और डराना-धमकाना, शारीरिक हमले, बलात्कार, और यहाँ तक ​​कि हत्या के मामले भी शामिल हैं.

यूएन एजेंसी, पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पैरोकारी करती है और सभ्य कामकाजी प्रथाओं की पहचान करने व उन्हें लागू करने के लिए, साझीदारों के साथ समन्वय करती है. ये एजेंसी, साथ ही, इन हमलों का मुक़ाबला करने पर केन्द्रित सिफ़ारिशें भी मुहैया कराती है.

पुरस्कार के बारे में

UNESCO / गिलर्मो कैनो विश्व प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार की स्थापना, वर्ष 1997 में की गई थी.

यह पुरस्कार हर साल किसी ऐसे व्यक्ति, संगठन या संस्थान को दिया जाता है जिसने  प्रैस की स्वतंत्रता के लिए असाधारण योगदान किया हो, विशेष रूप से ख़तरनाक परिस्थितियों में.

यह पुरस्कार कोलम्बियाई पत्रकार गिलेर्मो कैनो इसाज़ा के सम्मान में नांमाकित किया गया है जिन्हें, 17 दिसम्बर 1986 को बोगोटा स्थित एक समाचार पत्र – एल ऐस्पेक्टाडोर के कार्यालयों के सामने मार दिया गया था.

यह पुरस्कार कोलम्बियाई पत्रकार गिलेर्मो कैनो इसाज़ा के सम्मान में नांमाकित किया गया है जिन्हें, 17 दिसम्बर 1986 को बोगोटा स्थित एक समाचार पत्र – एल ऐस्पेक्टाडोर के कार्यालयों के सामने मार दिया गया था.

इससे पहले इस पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में, फिलीपींस की मारिया रैसा भी शामिल हैं जो, वर्ष 2021 में रूस के एक पत्रकार दिमित्री मुरातोव के साथ, नोबेल शान्ति पुरस्कार की संयुक्त विजेता भी रही हैं.

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