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इसराइल पर हमलों में UNRWA स्टाफ़ की भूमिका के आरोपों की जाँच में नया अपडेट

यूएन प्रवक्ता ने शुक्रवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि सम्बद्ध व्यक्ति के मामले में सुधारात्मक प्रशासनिक कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के 12 कर्मचारियों के 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास द्वारा किए गए हमले में संलिप्त होने के आरोप सामने आए थे. 

इसराइल द्वारा पर्याप्त जानकारी मुहैया नहीं कराए जाने की वजह से तीन अन्य मामलों में जाँच को फ़िलहाल रोक दिया गया है और ज़रूरी प्रशासनिक क़दम उठाए जाने पर विचार हो रहा है.

आठ कर्मचारी अब भी यूएन आन्तरिक निरीक्षण निकाय द्वारा की जा रही जाँच के दायरे में हैं.

इसराइल पर हमास द्वारा किए गए हमलों में UNRWA कर्मचारियों की कथित भूमिका के आरोप पहली बार जनवरी महीने में सामने आए थे. इन हमलों में क़रीब 1,200 लोग मारे गए थे और 250 अन्य को ग़ाज़ा में बंधक बना लिया गया था.

UNRWA ने सवालों के घेरे में आए 12 कर्मचारियों की तत्काल शिनाख़्त की, 10 कर्मचारियों के अनुबन्ध को समाप्त कर दिया गया, जबकि दो अन्य के मारे जाने की पुष्टि की गई थी.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने OIOS कार्यालय को तत्काल इन आरोपों की जाँच करने का आदेश दिया था.

इसके अलावा, एक स्वतंत्र पैनल गठित किया गया था, जिसका दायित्व UNRWA द्वारा तटस्थता के सिद्धान्तों के अनुपालन के लिए उठाए जा रहे क़दमों और उल्लंघन मामलों में जाँच प्रक्रिया की समीक्षा करना है.

सात अन्य मामले

फ़्राँस की पूर्व विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना इस पैनल की अगुवाई कर रही हैं और उन्होंने सोमवार को अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

रिपोर्ट के अनुसार UNRWA में ऐसे नियम, प्रक्रियाएँ व तंत्र मौजूद हैं, जोकि यूएन प्रणाली में सबसे विस्तृत कहे जा सकते हैं. यूएन प्रवक्ता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र को इसराइल से सात अन्य मामलों में जानकारी प्राप्त हुई – पाँच मामले मार्च में जबकि दो अप्रैल महीने में सामने आए. 

अतिरिक्त साक्ष्य ना मिलने की वजह से एक मामले को फ़िलहाल रोक दिया गया है जबकि OIOS द्वारा अन्य मामलों की जाँच की जा रही है. 

स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि जाँचकर्ताओं ने विचार-विमर्श के लिए इसराइल का दौरा किया था और एक अन्य यात्रा मई महीने में होगी. इस सिलसिले में बातचीत जारी है, जिससे पड़ताल कार्य में प्रगति होने की सम्भावना है.

UNRWA का विकल्प नहीं

इसराइल द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद 16 देशों ने यूएन एजेंसी के लिए अपने वित्तीय समर्थन को स्थगित करने की घोषणा की थी. 

फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए यूएन एजेंसी, ग़ाज़ा समेत मध्य पूर्व के पाँच अन्य स्थानों में अपने कामकाज के लिए मुख्यत: दान पर निर्भर है. 

UNRWA ग़ाज़ा में सक्रिय सबसे बड़ा मानवीय सहायता संगठन है. अब तक ग़ाज़ा युद्ध में 34 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनियों की जान जा चुकी है.

यूएन एजेंसी के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने बताया कि कई दानदाता देशों ने अपना योगदान फिर शुरू किया है, और उनके संगठन के पास जून महीने के अन्त तक कामकाज के लिए पर्याप्त धनराशि है.

इसके अतिरिक्त, यूएन एजेंसी ने ग़ाज़ा पट्टी और पश्चिमी तट में बढ़ती हिंसा की पृष्ठभूमि में ज़रूरतों को पूरा करने के इरादे से 1.2 अरब डॉलर की अपील की है.

फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों ने यह साबित किया है कि ना तो UNRWA की कोई जगह ले सकता है और ना ही उसका कोई विकल्प है. 

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