इसराइल ने 7 अक्टूबर को अपने दक्षिणी इलाक़े में हमास के हमलों के जवाब में, ग़ाज़ा में अपना सैन्य आक्रमण शुरू किया था.
हमास के उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था.
इसराइली आक्रमण शुरू होने के बाद से, ग़ाज़ा स्वास्थ्य अधिकारियों ने लगभग 25 हज़ार ,700 लोगों के मारे जाने और लगभग 63 हज़ार 40 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है.
दक्षिण अफ़्रीका द्वारा दायर इस मुक़दमे की सुनवाई जनवरी के आरम्भ में शुरू हुई थी. दक्षिण अफ़्रीका ने न्यायालय से जनसंहार कन्वेंशन के तहत, “फ़लस्तीनी लोगों के अधिकारों को और अधिक गम्भीर व अपूरणीय क्षति से बचाने के लिए” अनन्तिम उपायों को इंगित करने के लिए कहा है.
युद्ध तत्काल रोके जाने की पुकार
दक्षिण अफ़्रीका ने इस मुक़दमे में, जिन उपायों की मांग की है उनमें, ग़ाज़ा पट्टी में इसराइल के सैन्य आक्रमण को तत्काल रोके जाने और उसकी सेनाओं को, जनसंहार को रोकने के लिए “सभी उचित उपाय” करने के लिए कहा जाना शामिल हैं.
दक्षिण अफ़्रीका ने विश्व न्यायालय से यह भी कहा कि वह इसराइल को जबरन विस्थापन रोकने, नागरिकों तक पर्याप्त भोजन और पानी पहुँचाने की अनुमति देने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दे कि किसी भी संभावित जनसंहार के सबूत संरक्षित किए जाएँ.
अनन्तिम उपाय एक प्रकार का अस्थाई निषेधाज्ञा या विवाद पर, अन्तिम निर्णय से पहले रोक लगाने का उपाय है. इस तरह के मामलों में निर्णय आने में वर्षों का समय लगने की सम्भावना होती है.
इन अनन्तिम उपायों का पालन या उन्हें लागू करने के लिए कार्रवाई अनिवार्य होती है, लेकिन न्यायालय के पास उन्हें लागू करने का कोई साधन नहीं है.
इसराइल ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि हमास पर युद्ध पूरी तरह से आत्म रक्षा के लिए है और “फ़लस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ नहीं है”.
इसराइल के वकीलों ने कहा कि यदि अनन्तिम उपायों का निर्णय सुनाया गया, तो वो “इसराइल को अपने नागरिकों, बन्धकों और एक लाख 10 हज़ार से अधिक विस्थापित इसराइलियों की रक्षा के लिए, अपने दायित्वों को पूरा करने की क्षमता से वंचित करने का प्रयास” होगा.