इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में इमरान खान को जमानत दे दी है। बुधवार को अदालत ने खान को जमानत के लिए 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का मुचलका जमा करने को कहा। हालांकि, इस आदेश के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री को अदियाला जेल से रिहाई नहीं मिलेगी क्योंकि, सिफर (गुप्त राजनयिक संचार) व एक अन्य मामले में उनकी सजा अभी बरकरार है।
जेल में बंद पूर्व प्रधान मंत्री और उनकी पत्नी पर एक रियल एस्टेट कारोबारी से रिश्वत के रूप में अरबों रुपये की जमीन लेने का आरोप है। हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने बहस पूरी होने के बाद मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने अल कादिर यूनिवर्सिटी के नाम पर सैकड़ों एकड़ भूमि के अधिग्रहण के मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और अन्य के खिलाफ जांच शुरू की थी। यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के अनुसार इससे सरकारी खजाने को 19 करोड़ पाउंड का नुकसान हुआ है।
अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव में सत्ता से हटने के बाद से, खान को सिफर (गुप्त राजनयिक संचार) मामले सहित कम से कम चार मामलों में दोषी ठहराया गया है। इमरान खान पिछले साल अगस्त से रावलपिंडी की हाई सिक्योरिटी वाली अदियाला जेल में बंद हैं। अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव में सत्ता से हटने के बाद से खान को सिफर (गुप्त राजनयिक संचार) मामले सहित चार मामलों में दोषी ठहराया गया है।
पिछले दिनों बुशरा बीबी को बड़ी कानूनी जीत हासिल हुई थी। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में बुशरा बीबी को उसी अदियाला जेल में रखने का आदेश दिया, जहां इमरान खान कैद हैं। 49 वर्षीय बुशरा बीबी को दो मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद इस्लामाबाद के उपनगरीय इलाके में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खान की हवेली बनीगाला में कैद किया गया था, जबकि 71 वर्षीय खान को रावलपिंडी में उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में रखा गया था।