उद्योग/व्यापार

इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को तत्काल देनी होगी शॉर्ट-सेलिंग की जानकारी, SEBI ने जारी किया नया सर्कुलर

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को शॉर्ट-सेल ट्रेडिंग के बारे में तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। सेबी की तरफ से 5 जनवरी को जारी सर्कुलर के मुताबिक, शेयरों के लिए ऑर्डर करते समय इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को तुरंत यह बताना होगा कि ट्रांजैक्शन शॉर्ट सेल है या नहीं, जबकि रिटेल इनवेस्टर्स को ट्रेडिंग के दिन किसी भी वक्त तक इस बारे में जानकारी मुहैया कराने की अनुमति होगी। ब्रोकर्स और स्टॉक एक्सचेंजों से कहा गया है कि वे इस सूचना को इकट्ठा कर इसे अपनी वेबसाइट के जरिेये सार्वजनिक करें।

सेबी का यह निर्देश उन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद आया है, जिसमें अदानी ग्रुप के शेयरों में कथित गड़बड़ियों की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई थी। अदानी के शेयरों को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद ये याचिकाएं दायर की गई थीं।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए सेबी को यह जांच करने को कहा है कि क्या रिसर्च एजेंसी (हिंडनबर्ग) की गतिविधियों से भारतीय निवेशकों को नुकसान पहुंचा है या बाजार में कानून को ताक पर रखकर शॉर्ट पोजिशन लिए गए।

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने अपने हालिया सर्कुलर में शॉर्ट सेलिंग से जुड़ी दो और शर्तें जोड़ी हैं। पहली शर्त में कहा गया है, ‘इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को ऑर्डर प्लेस करते समय तुरंत यह बताना होगा कि कोई ट्रांजैक्शन शॉर्ट सेल है या नहीं। हालांकि, रिटेल इनवेस्टर्स ट्रांजैक्शन वाले दिन के आखिर में भी यह खुलासा कर सकते हैं।’

दूसरे प्रावधान के मुताबिक, ‘ब्रोकर्स को शेयरों के हिसाब से शॉर्ट सेल पोजिशन के बारे में जानकारी इकट्ठा कर इसे अगले दिन ट्रेडिंग शुरू होने से पहले स्टॉक एक्सचेंजों के लिए अपलोड करना होगा। इसके बाद स्टॉक एक्सचेंज इस जानकारी को हर हफ्ते अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराएंगे।’ मौजूदा नियमों के मुताबिक, सभी तरह के निवेशकों को शॉर्ट सेलिंग की अनुमति है, लेकिन किसी को भी नेकेड शॉर्ट ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है। साथ ही, इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए भी ट्रेडिंग से जुड़ी कुछ पाबंदियां हैं।

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