उद्योग/व्यापार

इंडिया इंक के ज्यादातर CEOs को इस साल बिजनेस सेंटीमेंट बेहतर रहने की उम्मीद

इंडिया इंक के टॉप CEOs का मानना है कि ग्लोबल स्तर पर आर्थिक हालात चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद देश में बिजनेस की संभावनाएं बेहतर हैं। CEOs से जुड़े मनीकंट्रोल के सर्वे में 53% CEOs ने बिजनेस सेंटीमेंट बेहतर रहने की उम्मीद जताई है। सर्वे के मुताबिक, 51% CEOs का कहना था कि भारत में बिजनेस को लेकर बेहतर संभावनएं हैं, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है, जबकि 47.2 पर्सेंट यहां की कारोबारी संभावनाओं को लेकर ‘काफी उत्साहित’ थे। हालांकि, सर्वे में शामिल किसी भी प्रतिनिधि ने देश में इकनॉमिक ट्रेंड निराशानजक रहने की बात नहीं कही।

सर्वे में पाया गया कि तकरीबन 70% भारतीय कारोबारी इकाइयों की योजना अगले 6 महीनों में निवेश करने की है। सिर्फ 9.4 पर्सेंट CEOs का कहना है कि निवेश की उनकी कोई योजना नहीं है। इसके अलावा, पोल में शामिल 21% CEOs ने अगले 6 महीनों के दौरान अपने निवेश के बारे में कोई फैसला नहीं किया था। भारत में निवेश को लेकर यह उत्साह ग्लोबल स्तर पर मौजूदा भूराजनीतिक अनिश्चितता और यूरोप व अमेरिका में आर्थिक सुस्ती के उलट है।

वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने 2024 में लगातार चौथे साल ग्लोबल ग्रोथ में सुस्ती का अनुमान जताया है। बैंक ने इस दौरान ग्लोबल ग्रोथ 2.4 पर्सेंट रहने का अनुमान पेश किया है, जबकि 2025 में यह आंकड़ा मामूली बढ़ोतरी के साथ 2.7 पर्सेंट रह सकता है। साल 2010 के दशक में औसत ग्लोबल ग्रोथ 3.1 पर्सेंट थी। बैंक के मुताबिक, 2022 में ग्लोबल ग्रोथ घटकर 3 पर्सेंट थी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा और घटकर 2.6 पर्सेंट था।

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन (V. Anantha Nageswaran) ने भारतीय कंपनियों से अनुरोध किया है कि ग्लोबल अनिश्चितताओं को स्वीकार करते हुए उन्हें हालात सुधरने का इंतजार करने के बजाय तुरंत निवेश शुरू कर देना चाहिए। सरकार द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ावा देने की बकोशिश की जा रही है और इससे प्राइवेट सेक्टर इनवेस्टमेंट में तेजी आने की उम्मीद है। सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देकर प्राइवेट इनवेस्टमेंट की रफ्तार बढ़ाने की कोशिश में है।

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