हाल ही में, वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट (Global Digital Compact) के पारित होने के बाद आयोजित इस फ़ोरम में 170 से अधिक देशों के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं. इसकी थीम है: हमारे बहुहितधारक डिजिटल भविष्य का निर्माण.
डिजिटल कॉम्पैक्ट फ़्रेमवर्क को भविष्य के लिए सहमति-पत्र (Pact for the Future) के तहत पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डिजिटल टैक्नॉलॉजी का उपयोग, मानवता के सर्वोत्तम हितों को साधने के लिए किया जाए.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस आयोजन के लिए अपने सन्देश में डिजिटल टैक्नॉलॉजी में रूपान्तरकारी बदलाव लाने की शक्ति पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने बुनियादी तौर पर हमारी दुनिया को नया आकार दिया है और मानव प्रगति में तेज़ी लाने के लिए इसमें अपार सम्भावना है.
“मगर सभी लोगों के लिए इन सम्भावनाओं के द्वार खोलने के लिए रक्षा उपायों की और संचालन प्रणाली के लिए सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी.”
फ़ोरम के दौरान डिजिटल समावेशन, कृत्रिम बुद्धिमता टैक्नॉलॉजी के संचालन और ऑनलाइन माध्यमों पर फैल रही ग़लत जानकारी से निपटने के उपायों पर चर्चा होगी.
डिजिटल दरारों को पाटना
डिजिटल टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल में तेज़ गति से विस्तार हुआ है, मगर इसके बावजूद, दुनिया भर में अब भी 2.6 अरब लोग इंटरनैट तक पहुँच से दूर हैं. इनमें से अधिकाँश आबादी विकासशील देशों में बसी है.
इस खाई को पाटना और डिजिटल जगत में भरोसे व सुरक्षा को बढ़ावा देना, इंटरनैट फ़ोरम के दौरान होने वाली चर्चाओं के केन्द्र में होगा.
सऊदी अरब के संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अब्दुल्लाह अलस्वाहा ने बताया कि रियाद में आयोजित यह फ़ोरम, कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के इस युग में, अन्तरराष्ट्रीय डिजिटल सहयोग को प्रोत्साहन देने का एक वैश्विक मंच है.
उन्होंने सभी हितधारकों से नवाचारी उपायों के साथ इंटरनैट संचालन प्रणाली को बढ़ावा देने और सर्वजन के लिए एक समृद्ध, टिकाऊ डिजिटल भविष्य सुनिश्चित करने में अपना योगदान देने का आग्रह किया.
एआई टैक्नॉलॉजी
रियाद फ़ोरम में अगले चार दिनों तक, सभी प्रतिभागी एआई संचालन व्यवस्था, ऑनलाइन सुरक्षा, सतत डिजिटल तौर-तरीक़ों समेत अन्य प्रकार के विषयों पर चर्चा करेंगे.
विभिन्न सत्रों में नवाचारी समाधानों पर भी बल दिया जाएगा, विशेष रूप से वंचित समुदायों तक प्रौद्योगिकी से जुड़े लाभ पहुँचाने के लिए. इसके अलावा, नफ़रत भरी बोली व सन्देश और ऑनलाइन माध्यमों पर ग़लत जानकारी को फैलने से रोकने के उपायों पर भी विमर्श होगा.
इंटरनैट फ़ोरम का एक अहम उद्देश्य, डिजिटल जगत में मानवाधिकारों को मज़बूती प्रदान करना, निजता की रक्षा और डेटा के न्यायोचित इस्तेमाल को बढ़ावा देना है.
इंटरनैट संचालन व्यवस्था फ़ोरम और वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट की अगुवाई में रचनात्मक सहयोग पर बल दिया गया है, ताकि टैक्नॉलॉजी के ज़रिये मानवता की भलाई सुनिश्चित की जा सके और इस प्रक्रिया में कोई भी पीछे ना छूटने पाए.