भारत और इंग्लैंड के बीच आज से विशाखापट्टनम के मैदान पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा है। इस मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लेने में बिल्कुल भी देरी नहीं लगाई। पहले दिन के खेल में भारतीय टीम के युवा बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का कमाल देखने को मिला जो दिन का अंत होने पर 179 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे। यशस्वी की पारी के दम पर टीम इंडिया ने पहले दिन अपनी पहली पारी में 6 विकेट के नुकसान पर 336 रनों का स्कोर बना लिया था।
विकेट में नमी मौजूद थी और बाउंस भी था
विशाखापट्टनम टेस्ट मैच के पहले दिन के खेल खत्म होने के बाद यशस्वी जायसवाल ने ब्रॉडकास्टर के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उनकी कोशिश सत्र दर सत्र खेलने की थी। जब उनके गेंदबाज बेहतर बॉलिंग कर रहे थे तो मैं बस उस स्पेल के खत्म होने का इंतजार कर रहा था। शुरू में इस विकेट पर नमी मौजूद थी और इसमें गेंद स्पिन होने के साथ बाउंस भी मौजूद है। मेरी कोशिश खराब गेंदों पर रन बनाने की थी और दिन के आखिर तक खेलने की। मेरी कोशिश इसे दोहरा शतक में बदलने की है। मैं अपनी रिकवरी पर ध्यान दूंगा ताकि कल फिर से इसी तरह से खेल संकू। ये पिच थोड़ा अलग तरह से खेल रही है। सुबह के समय इसमें नमी मौजूद थी और बाद में इसपर बल्लेबाजी करना थोड़ा बेहतर हो सका। इस पिट पर पुरानी गेंद से बेहतर बाउंस देखने को मिला। राहुल सर और रोहित भाई लगातार मुझे ये आत्मविश्वास दे रहे थे कि मैं अपनी इस पारी को बड़ी इनिंग में तब्दील करूं।
शतक के साथ पूरे किए 1000 रन
इस टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में यशस्वी जायसवाल के बल्ले से 95 रनों की शानदार पारी देखने को मिली थी, वहीं इसके बाद वह दूसरे टेस्ट मैच में भी अपने उसी फॉर्म को जारी रखने में कायम रहे। यशस्वी अपने इस शतक के दम पर इंटरनेशनल क्रिकेट में 1000 रन पूरे करने में भी कामयाब रहे। वहीं यशस्वी जायसवाल 23 साल की उम्र पूरी करने से पहले टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए घर और विदेश में शतक लगाने वाले अब तक सिर्फ चौथे खिलाड़ी हैं।
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