नई दिल्ली: आर्मी चीफ मनोज पांडे के कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ाए जाने के सरकार के फैसले पर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक के बाद कई ट्वीट कर सरकार की क्षमता पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान आर्मी चीफ के कार्यकाल का विस्तार देना सही नहीं है। मोदी सरकार को पहले से उनकी रिटायरमेंट के बारे में अच्छी तरह से मालूम था फिर पहले ही मनोज पांडे की जगह लेने वाले अधिकारी का नाम तय हो जाना चाहिए था।
एक महीने का सेवा विस्तार
ओवैसी ने कहा कि जनरल पांडे को दिया गया विस्तार केवल एक महीने के लिए है, इसका मतलब है कि यह एक अस्थायी उपाय है। यह इस सरकार की शासन की कमियों को दर्शाता है। अगर यह अक्षमता नहीं है, तो फिर यह ज्यादा भयावह और षडयंत्रकारी जरूर है।
सशस्त्र बलों को राजनीति से दूर रखना चाहिए
ओवैसी ने कहा, हमारे सशस्त्र बलों को सत्तारूढ़ दल द्वारा राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। लेकिन पिछले एक दशक में हमने देखा है कि मोदी शासन ने अपने चुनावी लाभ के लिए हमारे सैनिकों का उपयोग और दुरुपयोग किया है। हमने इसे चीन सीमा पर देखा है जहां हमारे सैनिक एलएसी पर गश्त करने में असमर्थ हैं। जनरल पांडे की सेवनिवृति को विस्तार देने का कदम पीएम मोदी, रक्षा मंत्री और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर निर्णय लेने में शामिल सभी लोगों पर खराब असर डालता है।
31 मई को रिटायर होनेवाले थे जनरल पांडे
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। वे 31 मई को पद से रिटायर होनेवाले थे। मनोज पांडे ने 30 अप्रैल 2022 को आर्मी चीफ का पदभार संभाला था। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में आर्मी चीफ के कार्यकाल को 30 जून तक का विस्तार दिया गया है।